Saturday, April 27, 2024
spot_img
Homeखबरेंअयोध्या में बाल राम की स्थापना के साथ सनातन का रामोदय -...

अयोध्या में बाल राम की स्थापना के साथ सनातन का रामोदय – अमरजीत मिश्र

मुंबई भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र ने कहा है कि अयोध्या में बाल राम की स्थापना के साथ सनातन का रामोदय हुआ है। पीएम मोदी ने जिस तरह से जप तप करके प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लिया इससे देश का बहुसंख्य हिंदू समाज जागृत हुआ है। नई पीढ़ी में भी ईश्वर के प्रति आस्था बढ़ी है और पूरा देश राम काज क़रीबे को आतुर दिख रहा है। श्री मिश्र के नेतृत्व में मुंबई भाजपा का १२ सदस्यीय दल कल अयोध्या पहुँचा। मुंबई से ट्रेन से आनेवाले यात्रियों को अयोध्या में रामलला का दर्शन ,वाहन और आवास की व्यवस्था को सुचारू रूप देने के लिये मुंबई भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आशीष शेलार ने उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र के नेतृत्व में पहला जत्था अयोध्या भेजा है।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने देश के अलग अलग प्रांतों से आये व्यवस्था प्रमुखों की बैठक ली। श्री मिश्र ,कमलेश यादव व जितेंद्र राउत ने श्री बंसल को अटल चेतना बुक देकर अभिनंदन किया। मुंबई भाजपा के उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र ने कहा कि भगवान श्रीराम की कथा से समाज में व्याप्त कुरीतियाँ को दूर किया जा सकता है। पीएम मोदी ने जिस तरह से निषाधराज व माता शबरी पर डाक टिकट जारी किया। वह आनेवाले समय में मील का पत्थर साबित होगा।

मुंबई भाजपा के नेता ने कहा कि वह 82 सेकेंड का अविजित मुहूर्त जब रामलला की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा का मंत्र पढ़ा गया, श्याम शिला से बनी रामलला की मूर्ति मानो जीवंत हो उठी, मूर्तिकार अरुण योगीराज ने करोड़ों रामभक्तों के हृदय में विराजमान प्रभु की सुंदर छवि को साकार कर दिया था। किसी पत्थर से देव हो जाने की इस यात्रा में शायद भावों के तंतु प्रभु से जुड़ इस दिव्यता तक पहुंच कर हर आँख में बस गए। अरुण योगीराज ईश्वर की असीम अनुकंपा प्राप्त कर इतिहास में अमर हो गए हैं।श्री मिश्र ने उस दैवी घटना का ज़िक्र किया कि मधुर स्मित, गांभीर्ययुक्त भोलापन, आँखों से बरसती करूणा, अति सुन्दर, दिव्य, अलौकिक, ऐसा अद्भुत सौंदर्य एक कृष्ण शिला से गढ़ना, बिना ईश्वर की कृपा के कहाँ संभव है। स्वयं अरुण जी प्राण प्रतिष्ठा के समय गर्भ गृह में उपस्थित थे उनका कहना है कि मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा होते ही बदल गई यह दैवीय हस्तक्षेप है, मैं स्वयं अचंभित हूँ ऐसा प्रतीत हुआ जैसे यह मेरी बनाई मूर्ति से अलग है।

श्री मिश्र ने अयोध्या में मंदिर निर्माण के बाद पूरी दुनिया के सनातनधर्मियों में अयोध्या आकर भगवान श्रीराम का दर्शन करने की अजब सी कौतूहल देखने को मिल रही है। आनेवाले दिनों में अयोध्या का अध्यात्म व अर्थतंत्र दोनों ही आसमान चूमेगा।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार