Friday, May 10, 2024
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पर्यावरण

धरती की जीवन और भोजन श्रृखंला

महात्मा गांधी ने अपने जीवन से और विचारों से समूची मनुष्यता को अपनी चाहनाओं और लालसाओं को स्वनियंत्रित करने का एक सूत्र दिया ।जो जीवन और भोजन की सनातन प्राकृत श्रृखंलाओं को अपने प्राकृत स्वरूप में निरन्तर चलते रहने

जापान की मियावाकी तकनीक से दुनिया में 3 हजार जंगल उगाए, इससे 10 गुना तेजी से बढ़ते हैं पेड़

हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा, वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए।

प्रेस विज्ञप्ति

रवीन्द्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती पर “गीतांजली विमर्श” कार्यक्रम

कोटा / रवीन्द्रनाथ टैगोर की 163वीं जयंती पर मगलवार को राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा मे पाठक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। स्वागत...

पद्म पुरस्‍कार-2025 के लिए नामांकन शुरू

गणतंत्र दिवस, 2025 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्‍कार-2025 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज से शुरू हो गया है। पद्म पुरस्‍कारों...

फ़िल्मी-गपशप