Tuesday, May 21, 2024
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पुस्तकों की दुनिया की खुशबू से सराबोर काव्य गोष्ठी

समरस संस्थान द्वारा ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन
पुस्तकें हमारी सच्ची मित्र हैं विषय पर समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत, गांधी नगर के निर्देशन में हाल ही में पुस्तक दिवस पट कोटा में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. प्रभात कुमार सिंघल ने बताया कि संस्थापक एवं संयोजक मुकेश कुमार व्यास ‘स्नेहिल’ संगोष्ठी से जुड़े। संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.शशि जैन ने की। साधना शर्मा के द्वारा सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

राधा तिवारी “मेरी नैया लगा दो पर अरे बाबा बाबा” डॉ. शशी जैन ने “मेरे साथी मेरे हमदम मेरी हमनवाज तुम हो” तथा मुकेश कुमार व्यास स्नेहिल “गहनों से भी ज्यादा कीमती है पुस्तकें, अंतरण को उज्जवल करती है पुस्तकें” मुक्तक सुन कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। रीता गुप्ता जी ने “अपनी पुस्तकों से टूटा नाता मैंने जोड़ लिया” कविता सुनाई। अर्चना शर्मा ने “मुझ पर तुम बेशक लिख सकते हो एक किताब” और “जिंदगी खुली किताब है अच्छा है खुली रहे हरदम, इस बहाने से लोग पढ़ेंगे तो सही” सुना कर गदगद कर दिया।

शिवरतन जी ने “मैं तो एक खुली किताब हूं जिसने मुझे पढ़ना चाहा वह मेरा अपना ही है” और रजनी शर्मा ने चीरकर सीना दिखाया हृदय में सिया राम शोभित” हनुमान जी का भजन से सबको मंत्र मुक्त कर दिया। राजेश मित्तल “शाख पर अब न फूल आएंगे अब न तुझको गले लगाएंगे” मुक्तक सुनाया।

डॉ. सुशीला जोशी “मेरी सखी है मेरी किताब अच्छे बुरे का ज्ञान करती मेरी किताब,” ललिता सोनी “जीवन जीने की कला सिखाती है पुस्तक जिंदगी का सबसे अच्छा दोस्त है पुस्तक”, आनंद जैन अकेला “इंसा का सच्चा साथ निभाती है पुस्तक कभी बेटी कभी बहू सी बन जाती है पुस्तक”, राजेंद्र कुमार जैन “सबसे अच्छी मित्र है पुस्तक हर सुख दुख में साथ है पुस्तक”, डॉ ममता पचौरी “आंखों से बहता नीर लगी लक्ष्मण को शक्ति आज, देर करो न हनुमान” बहुत सुंदर भजन सुनाया। कामिनी व्यास रावल “जन्म उत्सव की बेला आई ढोल नगाड़े संग बजी शहनाई”। दशरथ दबंग “किताबें हैं जरूरी पर किताबों की कदर तो हो दीवारे आईने सजे कोई रहगुजर तो हो” और साधना शर्मा “सुबह-सुबह दस्तक दे आऊं” अखबार के ऊपर बहुत सुंदर कविता सुनाई।

कार्यक्रम का संचालन बृजसुंदर सोनी भीलवाड़ा ने किया गया । अंत में मध्य प्रदेश प्रांतीय अध्यक्ष आनंद जैन ‘अकेला’ द्वारा काव्य गोष्ठी में उपस्थित सभी साहित्यकारों का आभार प्रदर्शित किया गया।

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