Tuesday, November 26, 2024
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राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट की नई वेबसाइट शुरु की गई

      पेंशन कोष नियामक विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट की स्थापना की गई है। लाभार्थियों (सदस्य) के हित में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत परिसंपत्तियों एवं कोष का समुचित रूप से ध्यान रखने के लिए ही इस ट्रस्ट की स्थापना की गई है।

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली ट्रस्ट ने आज यहां अपनी नई वेबसाइट www.npstrust.org.in लांच की। एनपीएस ट्रस्ट के बोर्ड के अध्यक्ष एवं न्यासी श्री जी.एन.बाजपेयी ने यह वेबसाइट लांच की।एनपीएस के तहत विभिन्न लाभार्थियों को आसान पहुंच सुलभ कराने और हितधारकों को कारगर ढंग से समुचित सूचनाएं मुहैया करने के लिए ही यह वेबसाइट लांच की गई है।

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पुलिस के व्यवहार कौशल से अपराधी भी बन सकते हैं नेक इंसान

पीटीएस में डॉ.जैन का प्रेरक और प्रभावी व्याख्यान
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ राज्य शिखर सम्मान से अलंकृत शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफ़ेसर डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने कहा है कि व्यवहार कौशल के विकास से पुलिस और जनता के बीच सहयोग की नई इबारत लिखी जा सकती है। सामाजिक नियंत्रण और व्यवस्था के मद्देनज़र पुलिस की अहम भूमिका से सब परिचित हैं, लेकिन आत्म नियंत्रण और आत्म अनुशासन से व्यवस्था कैसे संवारी जा सकती इसकी कला सीखकर पुलिस अपने काम को बेहतर ढंग से अंजाम दे सकती है। जनता के जागरूक सहयोग से समाज और परिवेश की तरक्की के नए द्वार खुल सकते हैं।

डॉ.जैन ने उक्त उदगार शहर के पुलिस प्रशिक्षण विद्यालय में आयोजित अतिथि व्याख्यान में व्यक्त किया। उन्हें पीटीएस के पुलिस अधीक्षक श्री टी.एक्का ने संस्थान में पुलिस और मानव व्यवहार विषय पर अपना विशेष मार्गदर्शन देने के लिए आमंत्रित किया था। प्रारभ में संस्थान द्वारा स्वागत के उपरान्त डॉ.जैन का परिचय देते हुए उनकी बहुआयामी सहभागिता,सफलता और उपलब्धियों को गौरवशाली निरूपित किया गया। बाद में सभागार में बड़ी संख्या में उपस्थित पुलिस अधिकारियों और प्रशिक्षणार्थियों की सतत हर्षध्वनि के बीच डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने पुलिस के बेहतर कर्तव्य निर्वहन की दृष्टि से मानव व्यवहार के विविध पहलुओं पर रोचक ढंग से प्रकाश डाला।

डॉ.जैन ने कहा कि आत्मकेंद्रित रहकर या टालमटोल के रवैये की जगह पर जब समाज केंद्रित और काम को काबिलियत से अंजाम देने का रास्ता अपनाया जाता है तो तय है कि बेहतर नतीजे मिलते हैं। पुलिस की ड्यूटी कठिन और चुनौती भरी होती है। इसमें कड़ी मेहनत, सही जानकारी और समझदार पहल का योग हो जाए तो पुलिस के काम को सम्मान और नाम दोनों मिलते हैं। ऐसा नहीं होने पर,कोई आश्चर्य नहीं कि अक्सर उसकी छवि पर सवालिया निशान लगाए जाते हैं। वास्तव में समाज की व्यवस्था और क़ानून के बीच संवाद स्थापित करने में पुलिस एक अनिवार्य कड़ी है। उसे लोगों के बीच रहकर, उनकी आम आदतों को समझकर, हालात की नज़ाकत को बूझकर काम करना होगा, तभी वह जनता का विश्वास जीतकर स्वयं विश्वसनीय बन सकेगी।

डॉ.जैन ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, भारत के संविधान और भारतीय संस्कृति के गौरवशाली पक्षों की चर्चा कर पुलिस की यादगार भूमिका पर प्रकाश डाला। देश भक्ति की पंक्तियों सुनकर उनमें जोश भर दिया। साथ ही दिल्ली पुलिस की ख़ास पहल से अपराध छोड़कर नेकी के रास्ते पर आगे बढ़ने वाले दो युवाओं की सच्ची कहानियां सुनाते हुए समझाया कि संतुलित मानवीय व्यवहार और सक्रिय जन सहयोग से पुलिस की सेवा के साथ-साथ जनता के अमन चैन के स्वप्न को नई मंज़िलें मिल सकती हैं। पुलिस के सजग सामाजिक सरोकार और समाज के पुलिस के प्रति सकारात्मक व्यवहार से संवाद की नई दास्तान लिखी जा सकती है।
 

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ज़ी के रेडिओ की आवाज़ गूँजेगी अमरीकी घरों मेंः पुनीत गोयनका

ज़ी एंटरटेनमेंट लि. के मुख्य कार्यकारी अधिकारी  एवँ  प्रबंध निदेशक श्री पुनीत गोयनका ने कहा कि उनके मीडिया समूह ने रेडियो बिजनेस के जरिए अमेरिकी बाजार में उतरने की योजना बना  रखी है। 19वें व्हार्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम में गोयनका ने कहा, ‘उपभोक्ताओं के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए हमारी योजना अमेरिकी बाजार में रेडियो उद्यम लेकर पहुंचने की है।’

श्री गोयनका ने कहा कि एक अग्रणी मीडिया कंपनी होने के नाते ज़ी  एंटरटेमेंट का लक्ष्य अमेरिका में उपभोक्ता के साथ संपूर्ण जुड़ाव का परिवेश बनाना है ताकि उसे बेहतर मनोरंजन कंटेंट दिया जा सके। उन्होंने कहा, ‘जहां भारत एक राष्ट्र के रूप में सपने पूरा करने की पूरी तैयारी में है, वहीं ज़ी  ने हर उस चीज को लेकर कमर कस ली है जो उसे उभरते बाजारों के अग्रणी वैश्विक मीडिया ब्रांड बना दे।’  उन्होंने उल्लेख किया कि ज़ी  एंटरटेनमेंट ने एक कंपनी के बतौर अमेरिका के मीडिया व मनोरंजन उद्योग में आय व रोजगार दोनों ही लिहाज से काफी योगदान किया है। उन्होंने दावा किया, ‘इंटरनेट के संदर्भ में, डिजिटल दायरे में हमारी पहल india.com अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के बीच दूसरे नंबर का पोर्टल बन गया है।’

श्री पुनीत  गोयनका का कहना था कि अन्य वैश्विक मीडिया कंपनियां अपना कामकाज जमाने के लिए भारत पहुंची हैं। उनकी तुलना में ज़ी समूह धारा के खिलाफ चला और उसने सफलतापूर्वक दुनिया के 169 देशों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी,  जहां वो 80 करोड़ से ज्यादा दर्शकों का मनोरंजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नई सरकार के गठन के पश्‍चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सेट किए गए अर्थव्‍यवस्‍था के लक्ष्‍य को भारत अपने युवाओं की शक्ति और उद्यमशीलता के स्पिरिट से प्राप्‍त कर लेगा।

गोयनका ने आगे कहा, ‘समृद्ध कंटेंट की विशेषज्ञता और अग्रणी दृष्टि के साथ ज़ी में हम लोगों ने वैश्विक रुझानों को महसूस करके और कस्टमाइज्ड कंटेंट समाधान पेश करके तमाम अंतरराष्ट्रीय इलाकों में कुछ सफल रणनीतिक कदमों को लागू किया है।’  गोयनका का कहना था कि ज़ी का अंतिम उद्देश्य एक वैश्विक ब्रांड बनना है। उन्होंने कहा, ‘ भविष्य के लिए हम वैश्विक कंटेंट प्रॉपर्टीज पर काम कर रहे हैं जो विशेष रूप से वैश्विक दर्शकों की जरूरत पूरा करेगी। साल 2020 तक हमारा लक्ष्य दुनिया के शीर्ष मीडिया समूहों में जगह बनाने और दुनिया भर में एक अरब से ज्यादा लोगों का मनोरंजन करना है।’

भारतीय मीडिया व मनोरंजन उद्योग की बात करते हुए गोयनका ने कहा कि इसके विकास की अनुमानित सालाना चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) 15 प्रतिशत है,  जबकि दुनिया के मीडिया व मनोरंजन उद्योग की विकास दर मात्र 4 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय उद्योग का आकार साल 2018 तक 29 अरब डॉलर से ज्यादा हो जाने की उम्मीद है।’ उनका कहना था, ‘यह उद्योग निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था के लिए तेजी से उभरता हुआ क्षेत्र है। दुनिया में अपना लचीलापन साबित करते हुए भारतीय मीडिया व मनोरंजन क्षेत्र विकास के एक मजबूत चरण पर पहुंच चुका है। आज के समय में इंटरनेट अधिकांश लोगों के लिए मनोरंजन का प्रमुख माध्यम बन गया है। औद्योगिक नीति व संवर्धन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले चार सालों के दौरान सूचना व प्रसारण के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 4 अरब डॉलर के आसपास रहा है।’ 

मनोरंजन की खपत के क्षेत्र में उन्नत टेक्नोलॉजी की बात करते हुए गोयनका ने 4के और 4जी के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए 4के टेक्नोलॉजी देखने के अनुभव को समृद्ध बनाने और प्रीमियम कंटेंट की खपत का एक नया क्षेत्र खोलेगी। 4जी समृद्ध कंटेंट देने के लिए उपभोक्ता को सशक्त बनाएगा और इसने समग्र पारिस्थितिकी तंत्र को एक नया आयाम दिया है।’  उन्होंने यह भी कहा कि भारत के अनुकूल विनियामक वातावरण और हाल के सुधारों से मीडिया व मनोरंजन क्षेत्रों में निवेश के कई अवसर पैदा हो रहे हैं।

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मुंबई प्रेस क्लब द्वारा पत्रकारों से प्रविष्ठियाँ आमंत्रित

मुंबई प्रेस क्लब ने पत्रकारिता के क्षेत्र प्रतिष्ठित रेडइंक अवार्ड के लिए 10 श्रेणियों में बेहतरीन 10 खबरों के लिए देश भर से पत्रकारों से प्रविष्टियां आमंत्रित की है. यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पुरस्कार के लिए 28 फरवरी से प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल मीडिया से प्रविष्टियां आमंत्रित की गयी है और इसके लिए कुल 20 लाख रुपया पुरस्कार दिया जाएगा.
 
अपने पांच साल के इतिहास में पहली बार, प्रिंट और डिजिटल मीडिया के साथ-साथ टेलीविजन और दृश्य खबरों को भी इस पुरस्कार में शामिल किया गया है. खोजी पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने के क्रम में और अलग तरह की खबरों के लिए मानवाधिकारों और पर्यावरण पर बेहतरीन लेखन और टीवी खबरों की श्रेणियों के लिए भी अलग से पुरस्कार दिये जाएंगे. विज्ञप्ति में बताया गया है कि प्रेस क्लब इस साल एक विशेष ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ पुरस्कार भी देगी. व्यापार, राजनीति, अपराध, खेल, लाइफस्टाइल और मनोरंजन, ‘बिग पिक्चर’ ऑफ द ईयर, विज्ञान और तकनीक और स्वास्थ्य अन्य श्रेणियों में शामिल है. यह पुरस्कार 25 अप्रैल को मुंबई में एनसीपीए के जमशेद भाभा थियेटर में दिया जाएगा.

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पुस्तक मेले में पहुंचे जावेद अख़्तर

मशहूर शायर, गीतकार व पटकथाकार जावेद अख़्तर की मौजूदगी ने पुस्तक मेले में चार चांद लगा दिया। जावेद अख्तर हॉल न. 12 में राजकमल प्रकाशन समूह के स्टॉल 237 में अपने प्रशंसकों व पाठकों से मिलने के लिए विशेष तौर पर आए थे।  तकरीबन डेढ़ घंटे तक रूककर अपने पाठकों से जावेद साहब मिलते रहे, सेल्फी खिंचवाते रहे। जावेद अख़्तर की किताब 'तरकश' व 'लावा' विशेष तौर से राजकमल के स्टॉल पर उपलब्ध थी। उनके प्रशंसकों ने उनकी किताब 'लावा' व 'तरकश' को न केवल अपने लिए खरीदा बल्कि अपने  दोस्तों व मम्मी-पापा के लिए भी खरीदा और उस पर जावेद साहब के हस्ताक्षर करवाएं। इस मौके पर राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने जावेद अख्तर साहब का गर्मजोशी से स्वागत किया। 

वहीं दूसरी तरफ लेखक मंच पर राजकमल द्वारा आयोजित कथा वाचन कार्यक्रम में वंदना राग, प्रियदर्शन व हृषिकेश सुलभ ने अपनी-अपनी किताबों क्रमशः 'हिज़रत से पहले', 'बारिश धुआं और दोस्त' और हलंत से अपनी पसंद की कहानियों का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ पत्रकार व जानकीपुल व्लॉग के संपादक प्रभात रंजन ने किया।
 
वहीं राजकमल प्रकाशन के स्टॉल पर कुसुम खेमानी की कहानी संग्रह ‘एक अचंभा प्रेम’, विख्तयात कवि कुंवर नारायण के रचनात्मक अवदान पर कन्द्रित पंकज चतुर्वेदी की आलोचतनात्मक कृति ‘जीने का उदात्त आशय’ व सुप्रसिद्ध कवयित्री अनामिका के नए काब्य संग्रह ‘टोकरी में दिगंत’ का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर मंगलेश डबराल व डॉ. रविभूषण सहित कई प्रसिद्ध साहित्यिक हस्तियां उपस्थित थी।
 
संपर्क
आशुतोष कुमार सिंह, साहित्य प्रचार अधिकारी
राजकमल प्रकाशन समूह
संपर्क-9891228151

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रेल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने रेल संचालन को लेकर दिए उपयोगी सुझाव

संसद में 26 फरवरी को रेल बजट पेश किया जाएगा। आर्थिक तंगी से गुजरते रेलवे की हालत के मद्देनजर जानकार मान रहे हैं कि इस बार नई ट्रेनों का एलान काफी कम होगा और इनकी संख्या महज 100 तक ही सीमित होगी। इसके अलावा, नए रेलवे प्रोजेक्ट्स के एलान कम हो सकते हैं। बता दें कि हर साल 150 से 180 नई ट्रेनों का एलान होता है। बीते साल ही 160 ट्रेनों की घोषणा की गई थी। इसके अलावा, फंड जुटाने के लिए कंपनियों के नाम पर स्पेशल ट्रेनें मसलन-कोका कोला एक्सप्रेस या हल्दीराम एक्सप्रेस चलाई जा सकती है। रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन विवेक सहाय का भी मानना है कि वर्तमान उपलब्ध संसाधनों के मद्देनजर रेलवे की बेहतरी के लिए इसे री-स्ट्रक्चर करने की जरूरत है। आगे सहाय के लेख में पढ़ें कि वर्तमान में रेलवे के सामने क्या हैं चुनौतियां और कैसे निपट सकती है सरकार।
 
 पूर्वोत्तर में हुआ विस्तार
पूर्वोत्तर में रेलवे का विस्तार हो रहा है। यह भारतीय रेलवे के लिए अच्छा संकेत है। रेलवे के विस्तार के मामले में पिछले डेढ़ दशक में काफी गति आई है। अब मैदानी इलाकों से रेल दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों की ओर रुख कर रही है। लेकिन अब भी यदि भारत के मानचित्र को देखकर विचार किया जाए तो देखने को मिलेगा कि रेलवे यातायात का प्रवाह संतुलित नहीं है। यह गौर करने वाली बात है कि चार प्रमुख महानगरों को जोड़ने वाली लाइनें कुल ट्रैफिक का 16 प्रतिशत से भी कम वहन करती हैं। इन्हीं लाइनों पर रेलवे अधिकांश यात्रियों और माल का परिवहन करती है। हम इन लाइनों का सौ फीसदी उपयोग कर रहे हैं। इस स्थिति को सुधारने के लिए अधिक क्षमता के निर्माण की जरूरत है। उत्तर-पूर्व में भी रेल पहुंच बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। इसके साथ ही, विकास के बीच खाई को पाटने के लिए पार्सल गाड़ियां निजी तौर पर चलाने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। साथ ही हाई स्पीड रेल परियोजनाओं, फ्रेट कॉरिडोर, विद्युतीकरण और सिग्नलिंग प्रणाली में एफडीआई निवेश जैसे निर्णय काफी सहायक हो सकते हैं।
 
निजी क्षेत्र से निवेश लाने की जरूरत
नई पटरियों को बिछाने के अलावा नए प्रोजेक्ट्स में निजी क्षेत्र को जिम्मेदारी सौंपे जाने की जरूरत है। यह निजी भागीदारी करने वालों के हितों को ध्यान में रखे जाने के साथ हो, क्योंकि यदि निवेश करने वाले को यदि नुकसान होगा तो भला वह क्यों आगे आएगा। अगले तीन सालों में निजी क्षेत्र पचास हजार करोड़ से भी ज्यादा लागत के साथ रेलवे स्टेशनों के विकास में सहायता कर सकता है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र को इंटरसिटी गाडियां संचालित करने की मंजूरी देने में भी कोई हर्ज नहीं है। इससे रेलवे अपने राजस्व की सुरक्षा करते हुए पहले से तय कुछ रास्तों और समय पर निजी क्षेत्र को उसकी पूंजी से ट्रेन चलाने की मंजूरी देकर क्षमता बढ़ा सकता है। मौजूदा समय डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर आंशिक रूप से जेआईसीए और विश्व बैंक से वित्त पोषित है। इसी तरह के गलियारों को निजी सहभागिता के मॉडल पर खड़ा किया जा सकता है।
 
साभार- दैनिक भास्कर से

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म.प्र. पर्यटन विकास विभाग की अनूठी पहल

भोपाल. प्रदेश के पर्यटन काे बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) और भारतीय रेलवे केटरिंग (आईआरसीटीसी) मिलकर प्रयास करेंगे। दोनों कंपनियों के साझा प्रयासों से प्रदेश में पर्यटक ढाबे, स्वागत केंद्र और बजट होटल्स का निर्माण किया जाएगा। यहां आने वाले पर्यटक अपने रुकने, खाने और ट्रेवल के लिए दोनों कंपनियाें के वेब पोर्टल का उपयोग कर सकेंगे।

प्रदेश आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए गुरुवार को दोनों कंपनियों के बीच एमओयू किया गया। इस करार पर एमपीटीडीसी के कार्यपालिक निदेशक ओम विजय चौधरी और आईआरसीटीसी की ओर से कंपनी के रीजनल डायरेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह ने हस्ताक्षर किए।

रेल पर्यटन को बढ़ावा
करार के तहत आईआरसीटीसी और एमपीटीडीसी संयुक्त रूप से रेल पर्यटन को बढ़ावा देंगे। इसके लिए आईआरसीटीसी प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को रेलवे से संबंधित हर जानकारी उपलब्ध कराएगा। वहीं एमपी टूरिज्म पर्यटकों को आवास सुविधा, भोजन और यातायात से संबंधित जानकारी मुहैया कराएगा। दोनाें कंपनियां एक-दूसरे के ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट और सेवाओं की जानकारी देंगी।

साझा करेंगे वेब पोर्टल
यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए दाेनों कंपनियां एक-दूसरे के वेब पोर्टल का भी उपयोग कर सकेंगी। स्थान की उपलब्धता के अनुसार दोनों कंपनियां प्रदेश में पर्यटक ढाबे, स्वागत केंद्र और बजट होटल्स का निर्माण करेंगी। लाउंज और कॉन्फ्रेंस हॉल भी विकसित किए जाएंगे। 

भोपाल. प्रदेश के पर्यटन काे बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम (एमपीटीडीसी) और भारतीय रेलवे केटरिंग (आईआरसीटीसी) मिलकर प्रयास करेंगे। दोनों कंपनियों के साझा प्रयासों से प्रदेश में पर्यटक ढाबे, स्वागत केंद्र और बजट होटल्स का निर्माण किया जाएगा। यहां आने वाले पर्यटक अपने रुकने, खाने और ट्रेवल के लिए दोनों कंपनियाें के वेब पोर्टल का उपयोग कर सकेंगे।

प्रदेश आने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए गुरुवार को दोनों कंपनियों के बीच एमओयू किया गया। इस करार पर एमपीटीडीसी के कार्यपालिक निदेशक ओम विजय चौधरी और आईआरसीटीसी की ओर से कंपनी के रीजनल डायरेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह ने हस्ताक्षर किए।

रेल पर्यटन को बढ़ावा
करार के तहत आईआरसीटीसी और एमपीटीडीसी संयुक्त रूप से रेल पर्यटन को बढ़ावा देंगे। इसके लिए आईआरसीटीसी प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को रेलवे से संबंधित हर जानकारी उपलब्ध कराएगा। वहीं एमपी टूरिज्म पर्यटकों को आवास सुविधा, भोजन और यातायात से संबंधित जानकारी मुहैया कराएगा। दोनाें कंपनियां एक-दूसरे के ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट और सेवाओं की जानकारी देंगी।

साझा करेंगे वेब पोर्टल
यात्रियों और पर्यटकों की सुविधा के लिए दाेनों कंपनियां एक-दूसरे के वेब पोर्टल का भी उपयोग कर सकेंगी। स्थान की उपलब्धता के अनुसार दोनों कंपनियां प्रदेश में पर्यटक ढाबे, स्वागत केंद्र और बजट होटल्स का निर्माण करेंगी। लाउंज और कॉन्फ्रेंस हॉल भी विकसित किए जाएंगे।

साभार- दैनिक भास्कर से 

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विकास रेल पहँची अरुणाचल प्रदेश में

ईटानगर। प्रधानमंत्री ने रिमोट कंट्रोल से नहारलागून और नई दिल्ली के बीच एसी एक्सप्रेस ट्रेन और नहारलागून-गुवाहाटी के बीच इंटरसिटी एक्सप्रेस का शुभारंभ किया। साथ ही, अरुणाचल के नहारलागून और असम में लखीमपुर जिले के हारमुति के बीच 21.75 किलोमीटर लम्बी ब्रॉड गेज रेलवे लाइन को देश को समर्पित किया। इस मौके पर केंद्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु भी मौजूद थे।
बिजली प्रोजेक्ट
मोदी ने 132 किलोवॉट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी और ईटानगर वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि राज्य की राजधानी और राष्ट्रीय राजधानी को जोड़ने वाली नई ट्रेन से टूरिजम इंडस्ट्री तरक्की करेगी। हाइड्रो पावर का इस्तेमाल कर अरुणाचल प्रदेश पूरे देश को बिजली दे सकता है।
7400 करोड़ का पैकेज
मोदी ने कहा कि केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश में रेलवे परियोजना के लिए 4200 करोड़ रुपये और पावर प्रोजेक्ट के लिए 3200 करोड़ रुपये तय किए हैं। मैं यह जानकर दुखी हूं कि राज्य की राजधानी के लोगों को सुरक्षित पानी देने में स्वतंत्र भारत को 60 साल लग गए।
जय हिंद बोलना आम चलन
मोदी ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जहां लोग 'जय हिंद' बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री यहां के पारंपरिक परिधान में नजर आए। उन्होंने परंपरा को जीवंत रखने के लिए लोगों की सराहना की।
अरुणाचल को चाहिए स्पेशल पैकेज: तुकी
मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने प्रधानमंत्री से राज्य के विकास के लिए स्पेशल पैकेज मांगा। उन्होंने कहा कि यहां टूरिजम को बढ़ावा और आम जनता को सहूलियत देने के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट, कम्युनिकेशन नेटवर्क, सेफ ड्रिंकिंग वाटर, स्मार्ट सिटी, हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट, रीजनल फिल्म और टेलीविजन इंस्टीट्यूट और कम से कम तीन स्मार्टसिटी बनाए जाने की तत्काल जरूरत है। सीएम ने कहा कि राज्य के चौतरफा विकास के लिए एम्स, आइआइटी और आइआइएम के अलावा सैनिक स्कूल भी बनाए जाने की जरूरत है।

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जासूसी कांड में पत्रकार शांतुन गिरफ्तार

कॉर्पोरेट जासूसी के संदिग्ध मामले में में आज सुबह दो और गिरफ्तारियां हुईं हैं, जिनमें एक पत्रकार भी शामिल है। पुलिस ने पत्रकार शांतनु सैकिया और एक ऑइल गैस कंसल्टेंसी फर्म के सीईओ प्रयास जैन को गिरफ्तार किया है।
 
शांतनु सैकिया पर कारोबारी घराने को जानकारी देने और पेट्रोलियम मंत्रालय के दस्तावेज लीक करने का आरोप है। शांतनु पहले फाइनेंशियल एक्सप्रेस में काम करते थे। करीब दस साल पूर्व वरिष्ठ पत्रकार तरुण तेजपाल के साथ उन्हें एक स्टिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
 
उल्लेखनीय है कि शांतनु की पत्नी साबिना सहगल सैकिया मुंबई स्थित अंग्रेजी अखबार ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में काम करती थीं। अपनी असामयिक निधन के समय वह टाइम्स ऑफ इंडिया कंसल्टिंग एडिटर थीं। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया में 19 वर्षों तक काम किया। वह एक फूड राइटर भी थीं। उन्होंने “The Times Good Eating Guide, a comprehensive evaluation of 600 restaurants in the City.” नाम से एक किताब भी लिखी है। 2008 में मुंबई में होटल ताज पर आतंकी हमले के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उस समय वह जाने-माने जर्नलिस्ट बाची करकारिया के बेटे की शादी अटैंड करने ताज होटल पहुंची थी।
 
पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी के मुताबिक, अब तक की जांच में एक वरिष्ठ पत्रकार की भी भूमिका सामने आ रही है। उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

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क्या देश की जनता के अपने खुद के चैनल का सपना साकार होगा?

वरिष्ठ पत्रकार दीपक ने जब फेसबुक वॉल के जरिए ये जानने की कोशिश की सरकार या कॉरपोरेट घरानों का अपना चैनल हो सकता है तो फिर इस देश की जनता का अपना न्यूज चैनल क्यों नहीं?  उनके इस सवाल से उन्हें जनता से उत्साहवर्धक जवाब मिले। इतना ही नहीं उन्हें इस भागीरथी प्रयास के शुभारंभ के लिए लोगों ने उन्हें मुफ्त में जगह के ऑफर तक दे डाले।

फिलहाल दीपक इस कोशिश में है कि जल्द से जल्द जनता का एक चैनल खुल सके, इसके लिए आजतक के पूर्व एग्जिक्यूटिव एडिटर अमिताभ श्रीवास्तव ने इस मुहीम को लेकर जनता से संवाद करने के लिए वेबसाइट खोलने की बात की है। इस वेबसाइट को उन्होंने INDIASAMVAD नाम दिया है।       

जनता का चैनल खोलने को लेकर वरिष्ठ पत्रकार दीपक शर्मा ने अपने फेसबुक वॉल पर कुछ यूं लिखा:

अगर सरकार का अपना न्यूज चैनल हो सकता है। अगर कॉर्पोरेट घरानों का अपना चैनल हो सकता है। अगर बिल्डर और चिट फंड कंपनियों का चैनल हो सकता है। तो क्या इस देश की जनता का भी अपना न्यूज चैनल हो सकता है?

कुछ सहयोगी पत्रकारों के साथ मिलकर कुछ दिन पहले हमने ये सवाल लोगों से पूछे थे? क्या देश के लोगों के हाथों में मीडिया की ताकत आनी चाहिए? क्या मीडिया में एक ऐसी ताकत होनी चाहिए जो सरकार और कॉर्पोरेट के आगे नतमस्तक ना हो? क्या देश में एक ऐसी ताकत जुटाई जा सकती है जो पारदर्शिता ला सके?

इन सवालों को लेकर जनता से हमे उत्साहवर्धक जवाब मिल रहे है। देश भर से हमें ई-मेल और फेसबुक के जरिए जनता का न्यूज चैनल शुरू करने के लिए हर संभव सहयोग मिल रहा है। हर पेशे हर तबके के लोग जुड़ रहे हैं जिसमे सैकड़ों अप्रवासी भारतीय भी शामिल हो रहे हैं।

इस भागीरथी प्रयास का श्री गणेश करने के लिए पिछले तीन-चार दिन में हमें दिल्ली में कार्यालय खोलने के लिए कोई 6-7 जगह के ऑफर आ चुके हैं। एक कार्यालय नोएडा के सेक्टर-10 में। एक कार्यालय कनॉट प्लेस के बंगाली मार्केट में और एक कार्यालय दक्षिण दिल्ली के वसंत विहार के बसन्त लोक बाजार में ऑफर किया गया है। जनता के चैनल का समर्थन देने वालों ने ये ऑफर बिलकुल फ्री दिया है। हमारे उत्साह के लिए ऐसा समर्थन उम्मीद से ज्यादा है।

IIT के कुछ छात्र देश की जनता से संवाद करने के लिए एक वेबसाइट बना रहे हैं। देश के एक बड़े वेब डिजाइनर इस साइट को डिजाइन कर रहे हैं। आजतक के पूर्व एग्जिक्यूटिव एडिटर अमिताभ श्रीवास्तव एक एक्सपर्ट टीम के साथ मिलकर इस साइट की देख रेख कर रहे हैं। जनता का चैनल लाने के लिए हम इस साइट के जरिये देश से सीधा संवाद करेंगे। इसलिए इस साइट का नाम INDIASAMVAD रखा गया है।

मित्रों हिंदी टेलिविजन के तीन नामी गिरामी पत्रकार और एंकर भी देश की जनता के इस प्रोजेक्ट में सहयोग दे रहे हैं। टेलिविजन के कुछ जाने-माने टेक्नीकल एक्सपर्ट भी हमसे जुड़ गए हैं। प्रिंट और टीवी के कई बड़े पत्रकार कल हुई पहली बैठक में शामिल भी हुए। जनता के हर वर्ग से हमें सहयोग मिलता जा रहा है और हम आगे बढ़ रहे हैं।

जनता के अपने न्यूज चैनल का पूरा कॉन्सेप्ट नोट और पारदर्शिता से काम करने की नीति का सारा खाका आपको जल्द ही INDIASAMVAD वेबसाइट पर मिलेगा। कल हुई बैठक में फैसला लिया गया है कि इस वेबसाइट के कुछ पेज दस दिन तक लॉन्च हो जाएंगे।

मित्रों आप सभी से सिर्फ एक आग्रह करना है। पब्लिक मीडिया का ये कॉन्सेप्ट देश में पहला है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब मीडिया की मिलकीयत निजी या सरकारी हाथों के बजाए जनता के हाथ में सौंपने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास को सफल करना अब हमारी जिम्मेदारी है।

आइए मिलकर इस भागीरथी प्रयास में शामिल हो। आइए मिलकर अपने पसीने से एक गंगा निकालें। ऐसी अविरल गंगा जो सरकार और कॉर्पोरेट के हाथों में गिरवी मीडिया के दाग धो सके। आइए साथ साथ आगे बढ़ें। आइए सोशल मीडिया पर इस कॉन्सेप्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। मित्रों बिना जन समर्थन के इस देश में कोई भी बड़ा काम संभव नही है।

आप अपने सुझाव इस ईमेल पर भेजें indiasamvad2015@gmail.com

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(साभार : वरिष्ठ खोजी पत्रकार दीपक शर्मा की फेसबुक वॉल से)

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