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जस्टमायरूट्स ने क्रांतिकारी पेटेंट का दावा किया
जस्टमायरूट्स ने अपने दो क्रांतिकारी पेटेंट प्रस्तुत करने की घोषणा की है जो खाद्य वितरण उद्योग के पाठ्यक्रम को बदलने जा रहे हैं। सीएसआईआर-सीएफटीआरआई (Council of Scientific & Industrial Research – वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) (Central Food Technological Research Institute – केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान) के साथ मिलकर, खाद्य उत्पादों के लिए ठंडे […]
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राजौरी आतंकी हमला: काउंटर फायरिंग कर हिन्दुओं की जान बचाने वाले बालकृष्ण
तीन घरों पर फायरिंग करने के बाद दोनों आतंकवादी चौथे घर की ओर बढ़ रहे थे। इसी समय अपनी जान की परवाह किए बिना बालकृष्ण हाथों में बन्दूक लेकर घर से बाहर आए और आतकंवादियों पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी। बीते एक तारीख की शाम को जम्मू-कश्मीर के सीमांत जिले राजौरी के अपर ढांगरी […]
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राजा पटनीमल, जिनके वंशजों ने 112 साल लड़ा श्रीकृष्ण जन्मभूमि का केस: कर्जदार हो गए लेकिन नहीं मानी हार
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से शाही ईदगाह मस्जिद हटाने को लेकर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने मई 2022 में याचिका स्वीकार की थी। हालाँकि, श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर केस की शुरुआत साल 1832 में यानी 190 साल पहले ही हो गई थी। वाराणसी के राजा पटनीमल […]
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वर्ष 2022 और लव जिहाद की ऐसी कुछ कहानियाँ, जिन पर सबने चुप्पी साध ली
वर्ष 2022 जब दुनिया और भारत दोनों ही स्थानों पर आम जनता अपने अपने परिजनों को खोने के दुःख से उबरने का प्रयास कर रही थी, तब भी भारत में हिन्दू उस लड़ाई को लड़ रहे थे, जिसे नाम तक देने में मीडिया हिचकता है और जिसे केवल हिन्दुओं के दिमाग की उपज बता दिया […]
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मीडिया: साहस भरा 2022, उम्मीदों भरा 2023
साल 2022 में हम सभी के मन में एक सवाल था। कोरोना के बाद की पत्रकारिता कैसी होगी? असल में इस सवाल का जवाब कोरोना काल में हुई पत्रकारिता में ही छिपा हुआ था। कोरोना काल में प्रसारण के तरीके बदल गए। काम करने का अंदाज बदल गया। यहां तक कि खबरों को लेकर पत्रकारों […]
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डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल राजस्थान अधिस्वीकृत पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष बने
कोटा।/ पूर्व संयुक्त निदेशक, लेखक और वरिष्ठ पत्रकार डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल को राजस्थान अधिस्वीकृत पत्रकार महासंघ का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना। डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल को राजस्थान अधिस्वीकृत पत्रकार महासंघ का अध्यक्ष बनाए जाने पर कोटा के पत्रकारों ने उन्हें बधाई दी है। डॉक्टर प्रभात कुमार सिंघल को बधाई देने वालो में स्वतंत्र पत्रकार […]
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भारत की भूमिका के विस्तार का समय
वर्ष 2022 कैसा था, उसे हम भुगत चुके है। परंतु नया साल भारत और शेष विश्व के लिए कैसा होगा? कुछ माह पहले तक विश्व कोविड-19 के प्रकोप से लगभग मुक्ति पा चुका था, किंतु इस महामारी के उद्गमस्थल चीन में पुन: कोरोना विस्फोट ने नववर्ष में दुनिया को फिर चौकस कर दिया है। संतोषप्रद […]
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भोपाल की वो लड़ाई जब मराठों ने निजाम की 70 हजार की फौज को धूल चटाई; 5 लाख रुपए दे निजाम और मुहम्मद खान ने जान बचाई
24 दिसंबर 1737, वह दिन है जब पेशवा बाजीराव की सेना ने निजाम, मुगल, नबाव और जयपुर के कुछ राजपूतों (मुगलों के साथी) की संयुक्त फौज को धूल चटा दी थी। हैदराबाद से भोपाल की दूरी करीब 850 किलोमीटर है। आज करीब 16-17 घंटे में यह दूरी नापी जा सकती है। लेकिन 285 साल पहले […]
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अमरीकी वीज़ा के लिए रची ऐसी फर्जी कहानी कि फिल्मी कहानी भी मात खा जाए
न कोई जुड़वा भाई-न कोई मर्डर, फिर भी आँखों में आँसू ला सुना दी ऐसी कहानी जो आपने कभी सुनी न होगी: जाना चाहता था अमेरिका, गया जेल जसविंदर ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। कहा कि उसके जुड़वा भाई की न्यूयॉर्क में हत्या कर दी गई है। […]
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घर-वापसी का ऐतिहासिक आकलन
ईसाइयत और इस्लाम में चले गए हिन्दुओं को वापस हिन्दू समाज में लाने के कार्य को हमारे आधुनिक मनीषियों ने भी महत्वपूर्ण बताया था। लोकमान्य तिलक, लाला लाजपत राय, महामना मदन मोहन मालवीय, और डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे नेताओं ने ही नहीं, बल्कि स्वामी विवेकानन्द, रवीन्द्रनाथ टैगोर, और श्रीअरविन्द ने इस का समर्थन किया था। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे राजनीतिक आंदोलन से भी अधिक महत्वपूर्ण माना था। श्रीअरविन्द ने भी कहा था, ‘‘हिन्दू-मुस्लिम एकता ऐसे नहीं बन सकती कि मुस्लिम तो हिन्दुओं को धर्मांतरित कराते रहें जबकि हिन्दू किसी भी मुस्लिम को धर्मांतरित न करें।’’ डॉ. श्रीरंग गोडबोले ने *‘शुद्धि आंदोलन का संक्षिप्त इतिहास: सन 712 से 1947 तक’* नामक पुस्तक में इसी का संक्षिप्त,प्रामाणिक आकलन किया है।