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एक मोहक फिल्मी अंदाज ! आशा पारेख का !!
इस्लामियों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी। आज भी अरब मुसलमानों के हमलों को उनका स्वदेश इजराइल भुगत रहा है। इसीलिए लेपिड द्वारा अचानक की गई हरकत परेशानी का सबब बनी।
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53वें इफ्फी का समापन … यदि फिल्में प्रेम को संवर्धित करती हैं, तो उन्हें बनाना जारी रखिए ..
53वें इफ्फी में कोस्टा रिका की फिल्मकार वेलेंटीना मौरेल की स्पेनिश फिल्म 'आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स' ने गोल्डन पीकॉक जीता
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स्पेनिश फिल्म ‘आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स’ ने वयस्क होने के अद्भुत चित्रण के लिए ‘गोल्डन पीकॉक’ जीता
अब तक हम अपने दिमाग, शरीर, दिल और आत्मा को पूरी तरह से सराबोर करके फिल्मों का उत्सव मनाते रहे हैं, और अब इफ्फी की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा ज्यूरी हमें इस महान कला की प्रबुद्ध सराहना में स्वयं को समाहित करने के लिए आमंत्रित कर रही है। हां, अब आप दिल थामकर बैठिए क्योंकि हम अब आपके लिए उन फिल्मों और फिल्म निर्माताओं को लेकर आए हैं जिन्हें ज्यूरी ने न केवल हमारे सम्मान, बल्कि पूरी तरह से स्वीकार करने और सराहना के भी बिल्कुल योग्य पाया है।
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डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति के संघर्ष पर बनी ईरानी फिल्म ‘नारगेसी’ ने इफ्फी 53 में आईसीएफटी-यूनेस्को गांधी पदक जीता
'डाउन सिंड्रोम' वाले लोग भगवान के फरिश्ते होते हैं, उनके जीवन के बारे में कई खूबसूरत कहानियां हैं जो सुननी चाहिए: निर्देशक पयाम असकंदरी
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पोलैंड की फिल्म ‘परफेक्ट नंबर’ के अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर के साथ इफ्फी का समापन
गोआ। फिल्म 'परफेक्ट नंबर' के निर्देशक करज़िस्तोफ़ जानुसी ने कहा कि "ये फिल्म संकेत देने की कोशिश करती है कि दिक्कतें हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि वे भौतिक दुनिया से ही जुड़ी हों।" 53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के दौरान आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि भौतिक दुनिया से परे कोई अन्य वास्तविकता भी हो सकती है। और विज्ञान अब इससे इनकार नहीं कर रहा है क्योंकि हमारे पास क्वांटम भौतिकी है जो महसूस कराती है कि न्यूटन-युग अब खत्म हो गया है और वे सब चीजें जो 19वीं सदी में इतनी निश्चित थीं वे अब इतनी निश्चित नहीं रह गई हैं। उन्होंने कहा कि अब इन सब पर सवाल खड़ा है और इसी सोच के कारण मैंने ये फिल्म बनाई है।
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संस्कृत में शूट की गई फिल्म यानम में भारत के ड्रीम प्रोजेक्ट मंगलयान को चित्रित किया गया है
गोआ। यानम गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के 53वें संस्करण में भारतीय पैनोरमा खंड के तहत प्रदर्शित एक गैर-फीचर फिल्म है। यह पूर्व अंतरिक्ष अध्यक्ष पद्म भूषण डॉ. के. राधाकृष्णन की आत्मकथात्मक पुस्तक "माई ओडिसी: मेमोयर्स ऑफ द मैन बिहाइंड द मंगलयान मिशन" पर आधारित है।
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खजुराहो मंदिर संपूर्ण काव्य व्यक्त करते हैं, जिसमें मूर्तियों में गहरे दार्शनिक अर्थ समाहित हैं
गोआ। हमारे देश के समृद्ध प्राचीन दर्शन के बारे में युवा पीढ़ी को शिक्षित करने के लिए हमने विशेष रूप से यह फिल्म बनाई है: खजुराओ की निर्देशक जोड़ी - आनंद और मुक्ति
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हर कोई दिल से एक फिल्म निर्माता है, जो फिल्म सिनेमा बंदी का मुख्य विषय है
गोआ। भारतीय सिनेमा में अनूठी अवधारणाओं और कहानी की दौड़ में आगे बढ़ते हुए निर्देशक प्रवीण कंद्रेगुला की कॉमेडी ड्रामा फिल्म 'सिनेमा बंदी' आपको एक ऑटो ड्राइवर से सिनेमावाला तक की यात्रा की दिल को छू लेने वाली कहानी से बांधे रखेगी।
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“एक स्वच्छ गोवा भारत की पर्यटन राजधानी बन सकता है”- सुश्री अमृता फडणवीस
गोआ । भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई), 2022 के अंतिम दिन की शुरुआत मीरामार बीच पर सफाई अभियान के साथ हुई। गोवा सरकार के सहयोग से दिव्यज फाउंडेशन और भामला फाउंडेशन द्वारा आयोजित क्लीन-ए-थॉन हमारे आसपास स्वच्छता संबंधी मूल्यों को स्थापित करने की एक पहल है। इसके दायरे का विस्तार न केवल गोवा राज्य के निवासियों, बल्कि पर्यटकों तक भी किया गया है।
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ओटीटी प्लेटफॉर्म और पारंपरिक सिनेमा थिएटर सह-अस्तित्व में बने रहेंगे: निर्देशक महेश नारायणन
‘अरियप्पु’- श्रमिक वर्ग की समस्याओं पर एक प्रवासी की कहानी