Monthly Archives: November, 2015
हिन्दी के प्रसिध्द लेखक डॉ. महीप सिंह नहीं रहे
मशहूर साहित्यकार डॉ. महीप सिंह का निधन हो गया है वो 85 साल के थे। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक गांव में साल 1930 में हुआ था। डॉ. महीप सिंह के पिता उनके जन्म के कुछ साल पहले ही पाकिस्तान से आकर यहां बस गए थे। उनके परिवार में पत्नी , दो बेटे और एक बेटी है।
शेखर कपूर ने कहा, अब यू ट्यूब होगा सिनेमा का असली ठिकाना
भारत के 46 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह की अंतरराष्ट्रीय जूरी के अध्यक्ष शेखर कपूर का कहना है कि टेक्नालॉजी सिनेमा को तेजी से बदल रही है। नए फिल्मकारों को अब सिनेमा हॉल की जरूरत नहीं रहेगी। अब ऐसे कैमरे आ रहे हैं जिनमें दस से पंद्रह लैंस एक साथ होंगे। फिल्म निर्माण का पारंपरिक तरीका बदल जाएगा।
आँखों देखा – नवगीत महोत्सव लखनऊ
फैजाबाद मार्ग पर गोमती नगर में पॉलीटेक्निक के समीप कालिंदी विहार के १० वें तल पर अभिव्यक्ति विश्वं का प्रतिष्ठा पर्व 'नवगीत महोत्सव' श्री प्रवीण सक्सेना तथा श्रीमती पूर्णिमा बर्मन के संरक्षकत्व में संपन्न होने की तैयारियाँ अंतिम चरण में मिलीं. गत वर्ष पूर्णिमा जी के माता-पिता दोनों का आशीष पाया था, इस वर्ष सिर्फ पिताश्री का आशीष मिल सका, माता जी इहलोक से बिदा हो चुकी हैं.
लहर नहीं ज़हर हूँ मैं, गुर्दों पर गिरता कहर हूँ मैं
पेप्सी बोली सुन कोका कोला !
भारत का इन्सान है बहुत भोला।
प्रबंध और प्रशासन में व्यवहार कौशल का असर
गोस्वामी तुलसीदास जी ने कहा है - सीय-राम मय सब जग जानी,करहुं प्रणाम जोरि जुग पानी या सब देखहिं प्रभुमय जगत केहि सन करहिं विरोध। जब तक आप इस भाव भूमि पर स्थापित न हो जाएँ तब तक जीवन में व्यावहारिक नियमों का पालन अवश्य करना चाहिये,नहीं तो आपका जीवन और आपका कर्मक्षेत्र दूभर और दुखप्रद हो सकता है
भारतीय भाषाएँ : कहीं बहुत देर न हो जाए !
हिंदी एवं भारतीय भाषाओं के सभी भाषाकर्मियों, साहित्यकारों, शिक्षकों, पत्रकारों, प्रौद्योगिकीविदों, कलाकारों, सिनेमा-मनोरंजन-विज्ञापन आदि से जुड़े सभी महानुभावों आदि से अनुरोध है कि उक्त लेख को गंभीरतापूर्वक पढ़कर भारतीय भाषाओं के प्रयोग-प्रसार व विकास के संबंध में अपने संक्षिप्त विचार व सुझाव प्रदान करें।
रेल में अब विकलांगों की खाली सीट बुजुर्गों को मिलेगी
अब किसी भी ट्रेन में विकलांग यात्रियों के कोटे का बर्थ खाली है, तो वह स्वत: ही बुजुर्ग यात्रियों को आवंटित हो जाएगा। इसके अलावा सहयोगी (अटेंडेट) के साथ यात्र करने वाले विकलांग यात्रियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसी तरह बर्थ आवंटित करते हुए विकलांग को लोवर बर्थ और सहयोगी को मिडिल बर्थ ही दिए जाएंगे।
कल्लू की भैंस ने दूध नहीं दिया, मोदीजी से स्तीफे की माँग
बकलोलशहर से 30 किलोमीटर दूर गांव फकीरपुर में कल सुबह एक अजीब मंजर देखने को मिला...
गांव में सुबह से ही देश के बड़े नेताओं और मीडिया घरानो का ताँता लगा हुआ था...
ब्रांड बनने के चक्कर में मोदीजी जनता के सपनों को भूल गए
नेता तब अपनी कब्र खोदता है जब वह ब्रांड की फितरत में होता है। व्यक्ति अपने विचार, जमीन, मेहनत, भाग्य, परिस्थितियों से सत्ता पाता है और सत्ता उसे मुगालते में डालती है। उसे ब्रांड के फेरे में फंसाती है। नेहरू अपने इंडिया के आईडिया हो जाते हैं! इंदिरा वही इंडिया हो जाती हैं तो वाजपेयी शाईनिंग इंडिया वाले बनते हैं!
आमिर खान को राष्ट्रवादी कवि अब्दुल गफ्फार का जवाब
"तूने कहा,सुना हमने अब मन टटोलकर सुन ले तू,
सुन ओ आमीर खान,अब कान खोलकर सुन ले तू,"
तुमको शायद इस हरकत पे शरम नहीं आने की,
तुमने हिम्मत कैसे की जोखिम में हमें बताने की