Sunday, April 28, 2024
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Monthly Archives: November, 2017

सबके सामने संजय गांधी ने माँ इंदिरा को जड़ दिया था थप्‍पड़

भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी के रिश्तों को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं। देश में इमरजेंसी लागू होने से पहले भी मां-बेटे की बीच एक ऐसी घटना घटी थी जिसके सामने आने के बाद सभी भौंचक्के रह गए थे।

अंबानी-बिड़ला को कैसे बाहर का रास्ता दिखाया इस कारोबारी ने

लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष ए एम नाइक नाइक ने बताया कैसे अंबानी, बिड़ला समेत कई घरानों ने एल ऐंड टी पर कब्जा करने की कोशिश कीऔर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया।

शाश्वत भारत महामंथन में डॉ. चन्द्रकुमार जैन देंगे पंडित दीनदयाल जी पर विशिष्ट व्याख्यान

राजनांदगांव। शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के हिंदी विभाग के राष्ट्रपति सम्मानित प्राध्यापक और सतत सृजनरत प्रखर वक्ता डॉ.चन्द्रकुमार जैन, बिलासपुर के पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित शाश्वत भारत राष्ट्रीय संगोष्ठी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन पर विशिष्ट व्याख्यान देंगे।

जेब काट रहा है डिजिटल लेन-देन

डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आम आदमी को महंगी पड़ रही है। निजी ही नहीं सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थान भी डिजिटल भुगतान पर कई सौ रुपये वसूल रहे हैं। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से लेकर स्कूलों और कॉलेजों की फीस डिजिटल प्रणाली से भरने की कीमत लोगों को चुकानी पड़ रही है।

प्रथम दत्तोपंत ठेंगड़ी स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यानमाला 10 नवम्बर से

भोपाल। दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान द्वारा प्रथम दत्तोपंत ठेंगड़ी स्मृति राष्ट्रीय व्याख्यानमाला 10 और 11 नवम्बर को आयोजित की जाएगी।

20 भजन मंडलियों ने रसिकों को किया भावविभोर

भोपाल। सेवा भारती शंकराचार्य मंडल के तत्ववाधान में मंगलवार को 20 भजन मंडलियों की प्रतियोगिता में भक्ति संगीत की गंगा बहाई जिसमें हजारों रसिकों को भावविभोर कर दिया। समारोह के अंत में तीन भजन मंडलियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

‘अपना खाका लगता हूँ, एक तमाशा लगता हूँ’ लिखने वाले जॉन एलिया को कितने लोग जानते हैं

जॉन एलिया ने अपने बारे में लिखा है, ‘अपना खाका लगता हूं, एक तमाशा लगता हूं.’ यह एक परिचय भले जॉन एलिया ने सिर्फ एक बार लिखा लेकिन आज की तारीख में यह सैकड़ों फेसबुक और ट्विटर यूजर्स के इंट्रो/बायो में बार-बार लिखा मिलेगा.

लिफाफा संस्कृति की एक विनम्र अस्वीकृति

संदर्भ है बेटी का विवाह। एक समय था जब विपन्नता के दौर में बेटी का विवाह एक सामूहिक जिम्मेदारी बन जाती थी। आस पड़ोस आत्मीय जन रिश्तेदार आर्थिक सहयोग करते थे। यही आर्थिक लेनदेन का व्यवहार धीरे धीरे अनेक दूसरी सामाजिक बुराईयों के साथ लिफाफा संस्कृति को जन्म दे गया।

डॉ. सुभाष चन्द्रा के जन्म दिन पर जानिये उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को

डॉ. सुभाष चंद्रा आज किसी परिचय को मोहताज नहीं है। डॉ. चंद्रा एक ऐसी शख्स़ियत हैं जिन्होंने इस देश में सबसे पहले निजी क्षेत्र सैटेलाईट चैनल लाकर देश में मनोरंजन से लेकर मीडिया जगत तक में क्रांति कर दी। आज से दस साल पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि देश में सैकड़ों सैटैलाईट चैनल हो जाएंगे जो घर घर में हर भाषा और हर समुदाय की रुचि के अनुसार मनोरंजक और शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण करेंगे। देश में इस सैटेलाईट क्रांति के जनक डॉ. सुभाष चंद्रा हैं जिन्होंने देश के लोगों को घर बैठे मनोरंजक कार्यक्रम दिखाने का एक सपना देखा और उसे हक़ीकत में बदल कर भी दिखा दिया।

आडवाणीजी ने ऐसे मनाया अपना जन्म दिन

लाल कृष्ण आडवाणी बुधवार (आठ नवंबर) को 90 साल के हो गये।
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