Monthly Archives: May, 2022
सावरकर के सहयोगियों में काँग्रेसी नेताओं से लेकर मुस्लिम नेता तक शामिल थे
अप्पासाहेब पटवर्धन – सावरकर के जीवनीकार, धनंजय कीर लिखते हैं कि अप्पासाहेब जोकि गाँधी के अनुयायी थे लेकिन सावरकर को अपनी प्रेरणा मानते थे। वे आगे लिखते हैं कि गाँधी ने कभी अप्पासाहेब को सावरकर के साथ काम करने पर ऐतराज नहीं जताया।
देश की ताकत बनकर उभरेगी ‘नए भारत’ की नई पीढ़ी: श्री दुर्गा शंकर मिश्रा
उन्होंने नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति विद्यार्थियों को जड़ से जोड़ेगी, साथ ही साथ अपार सम्भावनाओं और अनंत रास्तों के द्वार भी खोलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा समाजहित में किए
जो सावरकर पर सवाल उठाते हैं उन्होंने कभी सावरकर का का लिखा पढ़ा भी है ?
सपा में अपनी एक उपेक्षा से आप इतने आहत रहते हैं। और सावरकर दो-दो बार काला पानी का आजीवन कारावास पा कर विचलित न होते , ऐसा कैसे सोच लेते हैं। फिर यह माफ़ीनामा भी गांधी की सलाह पर दिया था , सावरकर ने।
प्रो. अच्युत सामंत को “गुरु तेग बहादुर जी की 400वीं जयंती” पर प्रकाशित पुस्तक भेंट की
गौरतलब है कि हाल ही में गुरु तेग बहादुर जी 400वीं जयंती राष्ट्रीय स्तर पर मनाई गई थी जिसमें भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी भी बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। प्रोफेसर अच्युत सामंत ने आभार व्यक्त करते हुए गुरु तेग बहादुर जी को सिखधर्म के साथ उन्हें सर्वधर्म समन्वयक बताया
सामाजिक मुद्दों पर सार्थक हस्तक्षेप करती है कृपाशंकर चौबे की पत्रकारिता: प्रो. द्विवेदी
आईआईएमसी के महानिदेशक के अनुसार कृपाशंकर जी की समूची पत्रकारिता न्यायपूर्ण लोकतांत्रिक चेतना संपन्न समाज बनाने की भावना से भरी हुई है। उनकी पत्रकारिता में तथ्य, तर्क, विश्लेषण और संवेदना है, जिससे उपजे उनके शब्द गरिमा पाते हैं।
6 घंटे, 30000 का कत्लेआम: जब ईरान से आए नादिर शाह ने दिल्ली में मचाई भयंकर तबाही
ईरान में 18वीं शताब्दी के मध्य से पहले एक ऐसा शासक हुआ, जिसकी क्रूरता की कहानियाँ आज तक उन लोगों के रूह कँपा देती है, जहाँ-जहाँ उसने आक्रमण किए। पर्शिया के उस मुस्लिम शासक का नाम था नादिर शाह, जो अफ़्शारिद राजवंश का संस्थापक था।
वीर सावरकर : तेज, तारुण्य एवं तिलमिलाहट की प्रतिमूर्ति
स्वातंत्र्य विनायक दामोदर सावरकर केवल नाम नहीं, एक प्रेरणा पुंज है जो आज भी देशभक्ति के पथ पर चलने वाले मतवालों के लिए जितने प्रासंगिक हैं उतने ही प्रेरणादायी भी. वीर सावरकर अदम्य साहस, इस मातृभूमि के प्रति निश्छल प्रेम करने वाले व स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाला अविस्मरणीय नाम है.
हिंदी और अंग्रेजी के प्रतिष्ठित लेखक. कृष्ण कुमार अग्रवाल का निधन
उनके द्वारा सृजित पुस्तकों— "भगवद्गीता : विपश्यना की छाया में" (2004, 2005, 2006, 2012), "निर्वाण की राह पर" (2005), "भगवद्गीता : विपश्यना साधना का दर्शन है" (2008), को देश-विदेश के भारतीय दर्शन के विद्वानों द्वारा व्यापक रूप से सराहा गया है।
दुष्ट का यशोगान क्यों?
दरअसल,बुधवार को यासीन मलिक को अदालत में उसके दुष्कर्मों की सजा सुनाई जानी थी।दुर्दांत आतंकी यासीन मलिक पर कई आरोप थे। उस पर यूएपीए की धारा के तहत आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से लेकर उन गतिविधियों के लिए धन जुटाने का आरोप लगा था।
पुरी में देवस्नान पूर्णिमा 14जून को
14जून को भोर में श्रीमंदिर के रत्नवेदी पर विराजमान चतुर्धा देवविग्रहों, जगन्नाथ जी, बलभद्रजी, सुभद्राजी और सुदर्शन जी को पहण्डी विजय कराकर सिंहद्वार के समीप अवस्थित देवस्नान मण्डप लाया जाएगा।