दो टूक : किसी ने सच कहा है प्यार� न कोई भाषा देखता है और ना प्रान्त लेकिन उसे समझना और उसकी कद्र करना आना चाहिए और उसे पहचानना भी . ऐसे ही एक प्यार की कहानी� कहती है पुनीत मल्होत्रा निर्देशित इमरान खान, करीना कपूर और श्रद्धा कपूर के अभिनय वाली फ़िल्म गोरी तेरे प्यार में.
कहानी : गोरी� तेरे प्यार में की कहानी है श्रीराम (इमरान खान) और दिया (करीना कपूर) के प्यार की है । बैंगलोर में जन्मा श्रीराम एक आर्किटेक्ट है जिसके लिए रिश्तों की कोई अहमियत नहीं है। जबकि उसकी� गर्लफ्रेंड दिया रिश्तों� और समाज को अहमियत देती है. शुरुआत में उनका यह अनौपचारिक रिश्ता समय के साथ भावनात्मक रूप ले लेता है। लेकिन आखिरकार जटिल परिस्थितियां, अलग अलग आदर्श और मनोवृत्तियां दोनों को अलग कर देती हैं। कुछ समय बाद श्रीराम को एहसास होता है कि दिया के लिए उसका प्यार एक जिस्मानी रिश्ते से कहीं ज़्यादा है और वो उसके बिना नहीं रह सकता। पर तब तक दिया उसे छोड़कर जा चुकी है . श्रीराम दिया का दिल जीतने उसे ढूँढ़ते हुए गुजरात के एक गांव झुमली पहुंचता है। इस बार उसे मनाने के लिए श्रीराम किसी भी हद तक जाने को तैयार है। पर अब दिया के लिए उसका कोई अर्थ नहीं . इसके बाद शुरू होती है श्रीराम की दिया का दिल जीतने कि नयी शुरुआत और इसी की कहानी है गोरी तेरे गाँव में।
�गीत संगीत . फ़िल्म में विशाल शेखर का संगीत और अन्विता दत्त के साथ कौसर मुनीर और कुमार के गीत हैं पर फ़िल्म में कोई ऐसा गीत नहीं जिसे याद रखा जा सके.
अभिनय :� इमरान की आप चाहें आधा दर्जन फिल्मे देखें वो एक जैसे लगते हैं . मुझे नहीं समझ आया कि करीना उनके साथ कैसे फिट हो सकती थी . फिर भी करीना के सहारे इमरान ने मेहनत करने की कोशिश की है . करीना रूटीन अभिनेत्री कि तरह अपनी भूमिका निभा देती हैं . वो भी अपने देसी अंदाज में . अनुपम खेर ठीक है .� सुजाता कुमार के साथ नीलू कोहली , विनीत कुमार सिंह , निझलगल रवि , परजिल पर्दीवाला, ओम रविन्द्र सिंह , श्रीकांत कृष्णमूर्ति, आर बलासुब्रह्मनियम, आनंदी निराश भी नहीं करते और इशिता गुप्ता का आइटम लुभा देता है.
निर्देशन�� : फ़िल्म की कहानी पर ध्यान देंगे तो लगेगा इस फ़िल्म की कहानी पहले भी� खूब सुनी है बस उसे नए अंदाज में पिरोकर सामने रख दिया गया है . फ़िल्म की गति भी बहुत धीमी है और वो सिर्फ एक बिखरे रिश्ते को समेटने कि लिए बे तरतीब बुनी गयी है . फिल्म में तो रोमांस है ना ही कॉमेडी पर दोहराव भरी कहानी के बावजूद इसे देख लेंगे तो कोई खास बुरी नहीं है.
फ़िल्म क्यों देखें : अगर पैचअप और ब्रेकउप वाली कहानियां पसंद करते हैं .
फ़िल्म क्यों न देखें : एक पुरानी कहानी पर नयी फ़िल्म है .