नई दिल्ली : आपातकाल की 43वीं बरसी को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पूरे देश में काला दिवस के रूप में मना रही है. केंद्रीय मानव विकास संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि विद्यार्थी सही इतिहास के बारे में जानें और इसलिए हम स्कूलों में पाठ्यक्रम बदलने के लिए काम कर रहे हैं. इस पर स्वराज इंडिया पार्टी के प्रमुख प्रो. योगेंद्र यादव ने इस पर प्रकाश जावड़ेकर को जवाब देते हुए कहा कि पाठ्यक्रमों में आपातकाल के बारे में पूरा विवरण दिया हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्हें हैरानी है कि शिक्षा मंत्री को किसी ने एनसीईआरटी की राजनीति शास्त्र की 12वीं की किताब नहीं दिखाई, जिसमें आपातकाल के बारे विस्तार से दिया गया है.
बता दें कि प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार स्कूल के पाठ्यक्रम में आपातकाल की पूरी कहानी शामिल करेगी, जिससे छात्र उस समय की वास्तविकता को समझ सकें. उन्होंने कहा कि 1975-77 का आपातकाल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने लगाया था और आपातकाल भारतीय इतिहास में हमेशा एक काला अध्याय बना रहेगा.
जावड़ेकर ने कहा, “हम चाहते हैं कि विद्यार्थी सही इतिहास के बारे में जानें और इसलिए हम स्कूलों में पाठ्यक्रम बदलने के लिए काम कर रहे हैं. इस पहल के साथ विद्यार्थियों को समझ में आएगा कि आपातकाल को दूसरा स्वतंत्रता संघर्ष क्यों माना जाता है.”
हमने यह तय किया है कि हम पाठ्यक्रम में बदलाव कर आपातकाल की सत्यता के बारे में विद्यार्थियों को भी बतायेंगे, ताकि इतिहास की सही व्याख्या हो सकें।
इस पर योगेंद्र यादव ने एक ट्वीट करते हुए कहा, मैं हैरान हूं कि आपको किसी ने एनसीईआरटी की राजनीति शास्त्र की 12वीं की किताब नहीं दिखाई. उसमे अध्याय 6 पढ़िए, जो इमरजेंसी की पूरी और सच्ची कहानी बताता है. पाठ्यक्रम बदलने की जगह बस जो है इसे पढ़ लें.’
उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी में 12वीं कक्षा की राजनीति शास्त्र में एक पूरा अध्याय आपातकाल पर है. क्राइसिस ऑफ डेमोक्रेटिक ऑर्डर (Crisis of Democratic Order) नामक अध्याय-6 में आपातकाल के कड़वे सच को बताया गया है.