Saturday, April 27, 2024
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दुनिया का एक सर्वश्रेष्ठ पत्र

अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन द्वारा अपने बेटे के स्कूल के प्रिंसिपल को लिखा पत्र दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पत्रों में शुमार किया जाता है।इस पत्र में लिंकन ने प्रिंसिपल को जो बातें लिखी हैं वे सचमुच गौर करने लायक हैं।पत्र में कई सारी बातें लिखी गयी हैं।यहाँ पर इन बातों का मात्र सारांश दिया जा रहा है।अपने पत्र में लिंकन ने अपने बेटे के प्रिंसिपल को ‘सम्मानीय सर’ से संबोधित किया है,यह राष्ट्रपति लिंकन के एक शिक्षक के प्रति उनके आदर और श्रद्धा भाव को दर्शाता है।लिंकन प्रिंसिपल को आगे लिखते हैं:)
“आप उसे(मेरे बेटे को) सिखाइए कि मेहनत से कमाया गया एक रुपया, सड़क पर मिलने वाले पाँच रुपए के नोट से ज्यादा कीमती होता है। आप उसे बताएं कि दूसरों से जलन की भावना अपने मन में न लाएँ। मुझे उम्मीद है कि आप उसे बता पाएँगे कि दूसरों को धमकाना और डराना कोई अच्‍छी बात नहीं है। यह काम करने से उसे दूर रहना चाहिए।

आप उसे किताबें पढ़ने के लिए तो कहिएगा ही, पर साथ ही उसे आकाश में उड़ते पक्षियों को, धूप में हरे-भरे मैदानों में खिले फूलों पर मँडराती तितलियों को निहारने की याद भी दिलाते रहिएगा। मैं समझता हूँ कि ये बातें उसके लिए ज्यादा काम की हैं। मैं मानता हूँ कि स्कूल के दिनों में ही उसे यह बात भी सीखना होगी कि नकल करके पास होने से फेल होना अच्‍छा है। किसी बात पर चाहे दूसरे उसे गलत कहें, पर अपनी सच्ची बात पर कायम रहने का हुनर उसमें आना चाहिए। दयालु लोगों के साथ नम्रता से पेश आना और बुरे लोगों के साथ सख्ती से पेश आना भी उसे सीखना चाहिए। दूसरों की सारी बातें सुनने के बाद उसमें से काम की चीजों का चुनाव उसे इन्हीं दिनों में सीखना होगा। मेरा सोचना है कि उसे खुद पर विश्वास होना चाहिए और दूसरों पर भी। तभी तो वह एक अच्छा इंसान बन पाएगा ।

ये बातें बड़ी हैं और लंबी भी। पर आप इनमें से जितना भी उसे बता पाएँ उतना उसके लिए अच्छा होगा। फिर अभी मेरा बेटा बहुत छोटा है और बहुत प्यारा भी।“
आपका,
अब्राहम लिंकन

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