Wednesday, May 1, 2024
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अयोध्या के दीपोत्सव ने अंतर्राष्ट्रीय पहचान बनाई

चौदह बरस के बनवास के बाद प्रभु राम के  अयोध्या में लौट कर आने की खुशी में पूरे अयोध्या में दीप ( मिट्टी के दीपक) जला कर खुशियां मनाई गई थी। तब से दीपावली के नाम से यह उत्सव संपर्ण भारत वर्ष में हिंदुओं की आस्था और विश्वास का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव बन गया और देश में दीपावली पर्व उत्साहपूर्वक मनाया जाने लगा। बीते छह वर्ष पूर्व उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने इस पर्व को राम की नगरी अयोध्या में प्रांतीय “दीपोत्सव” के रूप में भव्य स्वरूप में मानने की परंपरा शुरू कर वर्ष 2022 में दुनिया का शिखर उत्सव बना कर इतना लोकप्रिय बना दिया कि आज पर्यटक इसमें शामिल होने लगे है। आज इस उत्सव ने अंतर्राष्ट्रीय स्वरूप ले लिया है कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं वर्ष 2022 के उत्सव में शामिल हुए, जिससे उत्सव लोकप्रियता की गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी। यही नहीं इस वर्ष अयोध्या में 19 लाख से अधिक दीप प्रज्वलित करने का विश्व रिकार्ड बना। उत्सव के छह वर्षो में आठ गुणा दीपों में वृद्धि हुई और 15 लाख दीपक अकेले सरयू नदी के घाट राम की पैड़ी पर और 4 लाख शहर में प्रज्ज्वलित किए गए और पूरी अयोध्या को जगमग दीपकों की रोशनी से रोशन किया गया।
 उत्सव  को विशेष रंगोली से सजाया गया  और लेजर शो के जरिए भगवान राम की अलग-अलग झलकियां सजाई गई। रामकथा पार्क में रामायण तथा रामकथा परम्परा के विभिन्न आयामों पर चित्र प्रदर्शनी लगाई गई। नगर में निषादराज और अहिल्या समेत भगवान राम के परिवार के सदस्यों के नाम पर 15 द्वार  और 10 स्वागत द्वार सजाए गए।  उत्सव को इण्डोनेशिया, श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैण्ड, रूस, फिजी, ट्रिनिडाड एण्ड टोबैगो व नेपाल देश के लगभग 120 अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार विदेशी रामलीला – रामायण बैले की प्रस्तुति सहित उत्तर प्रदेश, दिल्ली, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, ओड़िसा, तमिलनाडु व झारखण्ड के विभिन्न प्रदेशों लगभग 1800 कलाकार रामलीला आदि के आकर्षक कार्यक्रमों, ग्रीन और डिजिटल आतिशबाजी ने यादगार बना दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन रामकथा पार्क के मुख्य मंच, भजन संध्या स्थल, रेलवे पुल के समीप, रामघाट, बड़ी देवकाली, गुप्तारघाट तथा भरतकुण्ड में किया गया। इस भव्य नज़ारे और असंख्य दीपों की रोशनी से नहाई और जगमगाती अयोध्या का यह रोशन नज़ारा मीडिया ने पूरी दुनिया को दिखा कर आश्चर्यचकित कर दिया और अयोध्या के दीपोत्सव की भव्यता का एहसास कराया।
छह वर्षों से हर साल पिछले साल से भव्य स्वरूप में देखने को मिलता है यह खुशनुमा  नज़ारा।
  मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ की असीम रुचि और समस्त नगरवासियों के अनंत उत्साह की वजह से ही आज यह उत्सव वर्षभर का बहुप्रतीक्षित भव्य उत्सव बन गया है। बढ़ते – बढ़ते दियों की संख्या 2022 में 19 लाख से अधिक  पहुंच गई है। पिछले वर्षों में भी विभिन्न देशों के अंतर्राष्ट्रीय कलाकार कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं।
उत्सव का आयोजन जिला प्रशासन, पर्यटन विभाग एवं संस्कृति विभाग उत्तरप्रदेश द्वारा आयोजित किया जाता है। इस महान उत्सव के आयोजन के लिए डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय प्रशासन कार्यकारी एजेंसी के रूप में जिम्मेदारी वहन करता है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार सिंह के साथ ही उनके नोडल अधिकारी प्रो.अजय प्रताप सिंह के दो माह पूर्व शुरू किए गए अथक प्रयासों से उत्सव इतना भव्य रहा की इसका सुफल विश्व रिकॉर्ड के रूप में सामने आया।
आज भारत से ही नहीं विदेशी पर्यटक भी इसका आनंद लेने के लिए अयोध्या पहुंचने लगे हैं। पिछले कुछ वर्षों में उत्तरप्रदेश में अयोध्या के इस उत्सव को दीपोत्सव के नाम से आयोजित किए जाने की परंपरा ने इसे अयोध्या का ही नहीं भारत का एक बड़ा और महान उत्सव बना दिया है, जिसका अविस्मरणीय नज़रा दीपावली की पूर्व संध्या अर्थात छोटी दीपावली को देखने को मिलता है। उत्तरप्रदेश में योगी आदित्य नाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी।
जीवन में मौका मिले तो एक बार इस उत्सव को अवश्य देखना चाहिए।अयोध्या में ठहरने के लिए हर बजट के होटल और भारतीय भोजन उपलब्ध हैं। भगवान श्रीराम का मंदिर निर्माण पूर्ण होने पर इस उत्सव का स्वरूप और भी भव्य होगा ऐसी आशा कर सकते हैं।
(लेखक कोटा में रहते हैं और ऐतिहासिक, पुरातत्व व पर्यटन से जुड़े विषयों पर नियमित लेखन करते हैं) 
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