Sunday, April 28, 2024
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माता-पिता के प्यार का मोल बताया महासमुंद की जय

रायपुर। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी की ओर से 9 दिवसीय नाचा समारोह के चौथे दिन शनिवार की शाम महंत घासीदास संग्रहालय परिसर रायपुर में दर्शकों के माता-पिता के प्यार का मोल बताने नाचा कलाकारों ने गम्मत प्रस्तुत किया। इस नाचा गम्मत के माध्यम से संदेश दिया गया कि आप पैसे से बहुत कुछ खरीद सकते हो लेकिन माता-पिता का प्यार सहित सब कुछ नहीं खरीद सके। इस संदेश के साथ जय मां चंडी नाचा पार्टी बिरकोनी गोपालपुर महासमुंद के मोहन साहू की टीम ने ‘मां की ममता-पिता का प्यार’की प्रस्तुति हुई। शुरुआत में छत्तीसगढ़ आदिवासी लोक कला अकादमी के अध्यक्ष नवल शुक्ल ने कलाकारों का स्वागत किया।

गम्मत के शीर्षक के अनुरूप कहानी एक किसान की है। जिसमें किसान भागीरथी, पत्नी गंगाबाई और पढ़ा-लिखा बेटा दीनूराम है। बेटा पढ़ा लिखा होने के कारण खेती बाड़ी नहीं करना चाहता। इसलिए एक अनाथ और गरीब नौजवान मजदूरी करने तैयार होता है। इधर किसान का बेटा बुरी संगत में पड़ जाता है और सारी जायदाद अपने नाम कर लेता है तथा माता-पिता से विवाद कर उन्हें और नौकर को घर से निकाल देता है। वह अपनी दौलत से सब कुछ खरीदने की होड़ में है। ऐसे में किसान और उसकी पत्नी आत्महत्या करने जा रहे होते हैं तो नौकर उन्हें बचा लेता है। इसके बाद किसान के बेटे को जीवन की सच्चाई मालूम होती है और फिर सभी खुशी-खुशी नई जिंदगी का शुरुआत करते हैं।

इस गम्मत में मुख्य पात्र भागीरथी-मोहन साहू, गंगाबाई-ढेलू राम साहू, दिनु राम-संत राम निषाद, भोलाराम-सोहन निषाद, ठगिया बाई रेखराम निषाद, चलवंतिन बाई-दिलीप साहू, दीनू का दोस्त-कृष्ण दास,डांसर गोवर्धन यादव और टिकेश निषाद,मैनेजर-संतराम निषाद, संचालक-मोहनलाल साहू,जोकर-सोहन संतराम निषाद, हारमोनियम-टीकम पटेल, बैंजो,आर्गन-देवेश पटेल, ढोलक-थानेश मानिकपुरी, तबला-हीरा दास मानिकपुरी और मनोज कुमार केसरवानी व झुमका-कांति राम साहू ने योगदान दिया।

जी 20 देशों के प्रतिनिधियों का छत्तीसगढ़ में
स्वागत होगा रिखी के करमा नृत्य से

रायपुर। जी-20 समूह के चौथे वर्किंग ग्रुप का शिखर सम्मेलन नवा रायपुर में 18 व 19 सितंबर को होने जा रहा है। 20 देशों के 50 से ज्यादा अतिविशिष्ट प्रतिनिधियों के छत्तीसगढ़ की धरा पर पहुंचने पर परंपरागत ढंग से स्वागत प्रख्यात लोक वाद्य संग्राहक रिखी क्षत्रिय के समूह द्वारा किया जाएगा। इसके लिए रिखी क्षत्रिय का समूह अपनी तैयारियों और पूर्वाभ्यास में जुटा है। रिखी का समूह विदेशी मेहमानों का स्वागत करने पूरी तरह छत्तीसगढ़ी रंग में रंगा होगा।

इस्पात नगरी भिलाई के मरोदा सेक्टर निवासी व भिलाई स्टील प्लांट के पूर्व कर्मी रिखी क्षत्रिय ने बताया कि विदेशी मेहमानों के छत्तीसगढ़ की धरा पर उतरते ही विमानतल पर चंदन का टीका लगा कर स्वागत करेंगे। वहीं उनके समूह के 10 कलाकार कवर्धा का बैगा करमा और दंतेवाड़ा का माड़ी करमा नृत्य करते हुए उन्हें साथ लेकर आएंगे। इस दौरान फूलों की पंखुड़ियों के साथ इन विदेशी मेहमानों का अभिनंदन किया जाएगा। रिखी ने बताया कि पुष्प वर्षा के साथ ही उनके समूह के दो कलाकार तुरही वादन करेंगे। वहीं स्वागत स्थल पर छत्तीसगढ़ की संस्कृति को दर्शाया जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय महत्व के इस आयोजन को देखते हुए रिखी क्षत्रिय व उनका समूह अभ्यास में जुटा है। वहीं कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए रिखी और उनके समूह को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। रिखी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर विदेशी मेहमानों का स्वागत करना उनके लिए गौरव का अवसर है और इसके लिए उनके समूह के लोग तमाम तैयारियां कर रहे हैं। रिखी क्षत्रिय के साथ उनके समूह में प्रदीप, संजीव कुमार, जया, शशि, नेहा, प्रियंका, अनुराधा, पारस, नवीन, अभिषेक, वेदप्रकाश, वेन, कुलदीप सार्वा, उग्रसेन देवदास, भोला यादव, प्रमोद व मालती शामिल हैं।

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