Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeपाठक मंचमहामारी कानून का दुर्लक्ष खिला सकता है जेल की हवा भी

महामारी कानून का दुर्लक्ष खिला सकता है जेल की हवा भी

कोरोना वायरस से बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए हर स्तर पर उपाय किए जा रहे हैं। महानगर उदास हैं और लोग दहशत में हैं। सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है व लगभग आधा भारत बंद हो गया है | कई प्रदेशों में महामारी के कारण स्कूल , मॉल स्वीमिंग पुल , सिनेमा घर और जिम यानि भीड़ भाड़ वाले स्थान बंद कर दिए है | आम जनता परेशान है |वह आपातकाल व महामारी का फर्क नहीं समझ पा रही है जो समझना जरुरी है |भारत में महामारी अधिनियम, 1897 की बात करें तो यह किसी भी खतरनाक महामारी से निपटने और उसकी रोकथाम के लिए बनाया गया था।

अब कैबिनेट सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस कानून के खंड-दो को लागू करने का निर्देश दिया है ताकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्यों के परामर्शों को लागू किया जा सके। इस एक्ट की खास बातों के बारे में आपको बताएं तो इनमें शामिल है, सार्वजनिक सूचना के जरिये महामारी के प्रसार की रोकथाम के उपाय तथा यदि सरकार को पता लगे कि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह महामारी से ग्रस्त है तो उन्हें किसी अस्पताल या अस्थायी आवास में रखने का अधिकार होगा।महामारी एक्ट 1897 के सेक्शन 3 में जुर्माने का प्रावधान भी है जिसमें सरकारी आदेश नहीं मानना अपराध होगा और आईपीसी की धारा 188 के तहत सजा भी मिल सकती है।महामारी एक्ट में सरकारी अधिकारियों को कानूनी सुरक्षा का भी प्रावधान है। अगर कानून का पालन कराते समय कोई अनहोनी होती है तो सरकारी अधिकारी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

जहां तक महामारी एक्ट के भारत में अब तक कितनी बार लागू होने का प्रश्न है तो साल 2009 में पुणे में जब स्वाइन फ्लू फैला था तब इस एक्ट के सेक्शन 2 को लागू किया गया था। 2018 में गुजरात के वडोदरा जिले के एक गाँव में 31 लोगों में कोलेरा के लक्षण पाये जाने पर भी यह एक्ट लागू किया गया था। 2015 में चंडीगढ़ में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के लिए इस एक्ट को लगाया जा चुका है। 2020 में कर्नाटक ने सबसे पहले कोरोना वायरस से निपटने के लिए महामारी अधिनियम, 1897 को लागू किया।जहां तक अन्य महामारियों की बात है तो सबसे पहले प्लेग नामक महामारी कई रूपों में फैली थी जिससे करोड़ों लोगों के मारे जाने की बात का उल्लेख मिलता है। इसके बाद इटली के सिसिली से ब्लैक डेथ नाम की एक महामारी शुरू हुई।

ये बीमारी समुद्री जहाज़ों पर मौजूद चूहों से फैलनी शुरू हुई थी। ब्लैक डेथ नाम की बीमारी यूरोप एशिया और अफ्रीका में फैल गई थी और इससे करीब 20 करोड़ लोगों की मौत की खबरें मिलती हैं। इसे दुनिया की अब तक की सबसे विनाशकारी महामारी के रूप में देखा जाता है। इसके बाद हैज़ा महामारी ने भी कहर ढाया। यह पहली ऐसी महामारी थी जोकि भारत से शुरू हुई थी। इस बीमारी से दुनिया भर में 10 लाख लोगों के मारे जाने का अनुमान है। इसके बाद 1918 में यूरोप से शुरू हुआ एक फ्लू देखते ही देखते महामारी में बदल गया था जिसे दुनिया स्पेनिश फ्लू के नाम से जानती है। इसने भी 5 से 10 करोड़ लोगों की जान ली थी। एचआईवी एड्स को भी महामारी माना गया और पूरी दुनिया अब भी इससे लड़ रही है। कोरोना वायरस से पहले डब्लू एच ओ ने साल 2009 में स्वाइन फ्लू को महामारी घोषित किया गया था। अनुमान है कि स्वाइन फ्लू की वजह से पूरी दुनिया में कई लाख लोग मारे गए थे। जहां तक कोरोना वायरस या कोविड 19 का प्रश्न है तो ताजा आंकड़ों के मुताबिक 115 देशों में अब तक लगभग एक लाख 30 हजार मामले सामने आए हैं।

अब कोरोना वायरस को लेकर फैलायी जा रही कुछ अफवाहों में यह भी शामिल है कि यदि आप इस वायरस से ग्रस्त होते हैं तो बीमा कंपनी आपको कोई कवर नहीं प्रदान करेगी। यहाँ हम आपको यह बताना चाहेंगे कि साल 2012-13 या उससे पहले आपने जो हैल्थ पॉलिसी ली होंगी उस समय यह लिखा होता था कि महामारी घोषित होने पर बीमा कंपनी उस बीमारी पर आपको कोई क्लेम नहीं देगी लेकिन इसके बाद से जो भी इंश्यारेंस प्रोडक्ट बाजार में आये उसमें बीमा कंपनियों को ऐसी कोई छूट नहीं थी कि वह किसी बीमारी को महामारी घोषित होने पर उसका क्लेम देने से मना कर देंगी। इसका मतलब है कि बीमा कंपनियां कोरोना वायरस से ग्रस्त व्यक्ति को बीमा क्लेम देने से मना नहीं कर सकतीं। बस एक बात ध्यान रखनी होगी कि आपकी हैल्थ पॉलिसी का 30 दिन का वेटिंग पीरियड समाप्त हो चुका हो और संक्रमित व्यक्ति अस्पताल में भर्ती होकर इलाज करवा रहा हो। यदि डॉक्टर यह लिख कर दे दे कि अस्पताल में बेड नहीं है और मरीज का घर पर ही इलाज होगा तब भी आपको क्लेम मिल सकता है।

बहरहाल, इतिहास गवाह है कि युद्धों में इतनी जनहानि नहीं हुई जितनी महामारियों की वजह से हुई है। दुनिया भर के लोग विश्वास के साथ हमारे वैज्ञानिकों की ओर देख रहे हैं कि इस बीमारी का इलाज जल्द से जल्द ढूँढ़ निकालें। आज के इस आधुनिक युग में यह असम्भव तो नहीं लेकिन चुनौतीपूर्ण जरूर है। फिलहाल तो कोरोना वायरस से बचने के लिए सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है। हमारा भी आपसे आग्रह है कि आप सभी देश में किसी भी प्रान्त में हों सरकार द्वारा जारी की जा रहीं सावधानियों और सुझावों पर अमल करें।

अशोक भाटिया, A /0 0 1 वेंचर अपार्टमेंट ,वसंत नगरी,वसई पूर्व ( जिला पालघर-401208) फोन/ wats app 9221232130 E mail – [email protected]

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार