Friday, May 10, 2024
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अमेरिकी विदेश विभाग और यूसएड समर्थित कार्यक्रम की मदद से महिला उद्यमी न सिर्फ डिजिटल साक्षर हुईं, बल्कि पूरे भारत में अपने परामर्शकों से संवाद कर पा रही हैं।

यूएस-इंडिया एलायंस फॉर वुमेन इकोनॉमिक एम्पॉवरमेंट द्वारा महिला उद्यमियों को कारोबारी गुर सीखने और अपने उपक्रमों को सफलतापूर्वक चलाने में मदद की जाती है।

गुजरात की उद्यमी हर्षा बा दो-दो सफल कारोबार चलाती हैं- एक, जूट हस्तशिल्प से संबंधित है जबकि दूसरा घर की सफाई के उत्पादों के वितरण का है। लेकिन इन व्यवसायों को विस्तार देना उनके लिए एक चुनौती थी। हर्षा ने शायद ही कभी सोशल मीडिया पर अपने उत्पादों का प्रचार किया हो, जिसकी वजह से उन्होंने अपने तमाम संभावित ग्राहकों को खो दिया। हर्षा जैसी उद्यमियों के लिए वुमेन विल नाम का प्रशिक्षण कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इससे उन्हें 30 दिनों के सोशल मीडिया चैलेंज को शुरू करने में मदद मिली जिसमें उन्होंने अपने कंटेंट को पोस्ट किया और 2000 से ज्यादा महिलाओं के एक समूह के साथ खुद को जोड़ा। इस प्रशिक्षण के चलते हर्षा को अपने राजस्व में 12 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने में मदद मिली।

महिला सशक्तिकरण

हर्षा उन तमाम महिलाओं में से एक हैं जिन्हें वुमेन विल प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभ मिला है। यह कार्यक्रम इंडिया मिलियन वुमेन मेंटॉर प्रोग्राम का हिस्सा है। यह मेंटॉर प्रोग्राम यूएस-इंडिया एलायंस फॉर वुमेन इकोनॉमिक एम्पॉवरमेंट के तहत शुरू की गई शुरुआती दो पहलों में शामिल है।

यह अलायंस अमेरिकी विदेश विभाग, यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डवलपमेंट (यूएसएड), यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) और जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के बीच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप का मंच है। इसका मकसद, भारत के कार्यबल में महिलाओं को सफल बनाने के लिए सहायता देने की दृष्टि से उनमें नेतृत्व, आर्थिक सहभागिता और उद्यमिता के गुणों का विकास करना है।

मार्च 2020 में एक आयोजन में, अलायंस के इंडिया मिलियन वुमेन मेंटॉर इनीशिएटिव के समर्थन में गूगल ने वुमेन विल के साथ अपनी उद्यम यात्रा में जुड़ी 10 लाख महिलाओं की सहायता का संकल्प लिया।

वुमेन विल का वेब प्लेटफॉर्म, उद्यमी बनने की आकांक्षा रखने वाली महिलाओं को अपनी यात्रा शुरू करने के लिए सक्षम बनाने की दृष्टि से कारोबारी साक्षरता प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है।

कारोबारी और प्रो़फेशनल कौशल को बढ़ावा

वुमेन विल के तहत 30 से ज्यादा ‘‘हाउ टू’’ पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया जाता है जो कारोबार की स्थापना, उसकी ऑनलाइन उपस्थिति, ग्राहकों का आधार बढ़ाने और कर्ज की सुविधा तक पहुंच बनाने से संबंधित होते हैं। मौजूदा वक्त में ये पाठ्यक्रम अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगू और गुजराती भाषा में उपलब्ध हैं। इन पाठ्यक्रमों को असमी और मराठी भाषा में उपलब्ध कराने की भी योजना है।

इस प्रयास में अलाभकारी और सरकारी संस्थाएं भी सहयोगियों की सूची में शामिल हैं। प्रशिक्षण सहयोगी शीरोज़ इस पाठ्यक्रम से प्रशिक्षित महिलाओं को इसकी अपनी पहल महिला मनी के जरिए लघु वित्तीय सहायता देती है।

प्रतिभागियों ने कई क्षेत्रों में कारोबार शुरू किया है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के कोल्हापुर के मोउजे अगार गांव की आसिया ने आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के अपने सपने को साकार करने के लिए किराने की एक दुकान शुरू की। वह हर महीने करीब 30 हजार रुपए (लगभग 360 डॉलर) कमा लेती है, जिससे उसे अपने बच्चों की पढ़ाई का खर्चा निकालने में मदद मिल जाती है। इसी तरह से, संध्या, उत्तर प्रदेश में अपने गांव के बच्चों को शिक्षित करने का सपना एक निजी शिक्षण केंद्र खोल कर पूरा कर रही हैं। वह ऑन लाइन टेस्ट और अभ्यास सत्र के लिए अपने स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करती हैं। संध्या के पास 55 विद्यार्थी हैं और वह एक कंप्यूटर कोचिंग सेंटर शुरू करने के लिए कंप्यूटर खरीदना चाहती हैं।

रोज़गार-परक भविष्य

2023 में इस योजना के विस्तार की योजनाओं में सामाजिक पहुंच बढ़ाने के लिए इसमें और और ज्यादा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। गूगल उद्योग जगत के शीर्ष सहयोगियों के साथ इसे और आगे बढ़ाने के लिए संवाद कर रहा है। इसमें दो उल्लेखनीय कोशिशें, जिनका यहां जिक्र किया जा सकता है, वे हैं, गुजरात सरकार के विज्ञान और तकनीक विभाग के साथ सहयोग, जिसके तहत छोटा कारोबार खोलने की इच्छुक महिलाओं को निजी तौर पर प्रशिक्षण दिया जाता है। दूसरा भारत की शीर्ष एफएमसीजी कंपनियों में शामिल ब्रिटानिया के साथ संभावित सहयोग है जिसमें वह अपने नेटवर्क से जुड़ी महिलाओं को कारोबारी साक्षरता का प्रशिक्षण देकर उनकी मदद करेगी।

जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (जीडब्लूयू), निवेश बढाने के लिए अंतरदृष्टि और नेतृत्व पैदा करने वाले शैक्षणिक भागीदार के रूप में अलायंस से संबद्ध है। जीडब्लूयू में मिल्केन इंस्टीट्यूट, स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में निदेशक और एसोसिएट प्रोफेसर अमिता एन. व्यास, अलायंस की कार्यकारी समिति में हैं। इसके अलावा, अमेरिकी विदेश विभाग, यूएसएड और यूएसआईएसपीएफ के शीर्ष नेतृत्वकर्ता भी इसमें शामिल होते हैं। व्यास के अनुसार, ‘‘अलायंस ठोस सहयोग और निवेश के निर्माण के लिए नए और अभिनव तरीकों को उपलब्ध कराएगा। हमें पता है कि लड़कियों और महिलाओं में निवेश करना इसलिए और महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इससे न सिर्फ किसी एक व्यक्ति के जीवन में बदलाव आता है बल्कि साथ ही ऐसा उनके परिवार, समाज और देश की समृद्धि भी सुनिश्चित करता है।’’

पारोमिता पेन नेवाडा यूनिवर्सिटी, रेनो में ग्लोबल मीडिया अध्ययन विषय की असिस्टेंट प्रो़फेसर हैं।

(इलस्ट्रेशन-चित्रांकन : सोशल इलस्ट्रेशन © शटरस्टॉक)

साभार https://spanmag.com/hi/ से

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