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म.प्र. विद्यालयों और महाविद्यालयों में हिन्दी ओलंपियाड आयोजित होंगे
मध्य प्रदेश में हिंदी के प्रति विद्यार्थियों में आकर्षण बढ़ाने के लिए शासकीय विद्यालयों और महाविद्यालयों में हिंदी ओलम्पियाड आयोजित किए जाएंगे।
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नीदरलैंड की साहित्यकार प्रो. पुष्पिता अवस्थी ‘वैश्विक हिंदी साहित्य-सारथी सम्मान’ से विभूषित
‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’, मुंबई संस्था तथा के. जे. सोमैया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में मुंबई में महाविद्यालय परिसर में ‘हिंदी की वैश्विकता’ पर वैश्विक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
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सरकारी साजिशे यही है कि शिक्षा से हिन्दी गायब रहे
हिंदी दिवस, हिंदी सप्ताह, हिंदी पखवाड़ा और हिंदी मास यानी सरकारी कामकाज में हिंदी लागू करने-कराने का अभियान।
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मै रोज सुबह जब कोई हिंदी का समाचार पत्र पढ़ता हूं, तो रोज मरता हूं’
नब्बे के दशक में हिंदी के कई समाचार-चैनल शुरू हुए और अब तो इनकी संख्या सैकड़ों में है। सबसे तेज और सबसे आगे जैसे जुमलों के साथ पत्रकारिता करने की होड़ ने पत्रकारिता के मूल्यों का क्षरण किया, जिसमे सबसे ज्यादा नुकसान हिंदी भाषा का हुआ।
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86 साहित्यकारों के परिचय वाले कैलेंडर कलम के सिपाही का विमोचन
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व हिन्दी सम्मेलन में साहित्यिक केलेण्डर 'कलम के सिपाही' का विमोचन किया।
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विधि क्षेत्र में बढ़ाएँ हिन्दी का उपयोग
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि विधि क्षेत्र में हिन्दी का उपयोग निरंतर बढ़ रहा है, जो सुखद संकेत है।
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म.प्र. सरकार सब पत्राचार हिन्दी में करेगी
हिन्दी के विस्तार के लिए मध्यप्रदेश में जो भी संभव है वह सब किया जाएगा।
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हिंग्लिश से भाषा समृद्ध नहीं होगी
दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन के दूसरे दिन 'हिन्दी पत्रकारिता और संचार माध्यमों में भाषा की शुद्धता'' पर समानांतर सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखिका श्रीमती मृणाल पाण्डे ने की।
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विश्व हिन्दी सम्मेलन में प्रभावी प्रतिनिधित्व कर डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ गौरव
भारत सरकार के विशेष मंत्रालय द्वारा भोपाल में आयोजित दसवें विश्व हिंदी सम्मेलन में संस्कारधानी के ख्याति प्राप्त वक्ता और शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के राष्ट्रपति सम्मानित प्राध्यापक डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने सजग और सक्रिय प्रतिनिधित्व किया।
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अमरीकी विश्वविद्यालय में है हिन्दी में एमबीए करने की सुविधा
संयोजक और महानिदेशक, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, श्री सतीश मेहता ने अनुशंसाएँ प्रस्तुत कीं।