Thursday, May 2, 2024
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मैगी की कलंक कथा

देशभर में सेहत की कसौटी पर नाकाम मैगी नूडल्स की बिक्री पर केंद्रीय भंडारों में रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार के इन स्टोरों के अलावा फ्यूचर ग्रुप ने भी अपनी रीटेल चेन बिग बाजार में मैगी नहीं बेचने की घोषणा की है। केरल सरकार ने अपने 1400 रीटेल आउटलेट पर मैगी की बिक्री पर कल ही पाबंदी लगा चुकी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से नेस्ले इंडिया के अधिकारियों ने बुधवार को मुलाकात की और प्रजेंटेशन के जरिए यह दावा किया कि उसने बाहरी प्रयोगशाला और अपनी प्रयोगशाला में भी नमूनों की जांच करवाई और यह प्रॉडक्ट खाने के लिए सुरक्षित पाया गया है।

 

गौरतलब है कि दिल्ली में जांच में मैगी के 13 में से 10 सैंपल फेल हो गए थे। उनमें लेड की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई थी। दिल्ली सरकार फिलहाल अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, उसके बाद मैगी की बिक्री पर दिल्ली में बैन लगाया जा सकता है। रिपोर्ट शाम तक आने की उम्मीद है। इसके अलावा दिल्ली सरकार कंपनी के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की भी तैयारी कर रही है। इसके तहत केस रजिस्टर करने के साथ-साथ सरकार मिसब्रैंडिंग करने और असुरक्षित प्रॉडक्ट बेचने के आरोप में कंपनी पर भारी जुर्माना लगा सकती है।

 

दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह जांच के लिए अलग-अलग जगहों से मैगी के 13 सैंपल उठाए थे। इसमें नूडल्स के मसाला (टेस्टमेकर) के 10 नमूने अनसेफ पाए गए। मसाले में लेड की मात्रा तय सीमा 2.5 पीपीएम से अधिक थी। मैगी के साथ आने वाले मसाले के 5 सैंपल्स में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (एमएसजी) भी पाया गया, जबकि लेबल पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस लिहाज से यह मिसब्रैंडिंग की कैटिगरी में भी आता है, जो कि एक अपराध है।

 

 

 

देश के अलग-अलग हिस्सों के बाद अब दिल्ली में भी मैगी अअसुरक्षित पाई गई है। यहां जांच में मैगी के 13 में से 10 सैंपल फेल हो गए। उनमें लेड यानी सीसा की मात्रा तय सीमा से ज्यादा पाई गई। दिल्ली सरकार ने कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की तैयारी कर ली है। इसके तहत केस रजिस्टर करने के साथ-साथ सरकार मिसब्रैंडिंग करने और असुरक्षित प्रोडक्ट बेचने के आरोप में कंपनी पर भारी जुर्माना लगाने पर भी विचार कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि फाइनल रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है और इस बारे में बातचीत के लिए उन्होंने बुधवार को मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले के अधिकारियों को अपने दफ्तर में बुलाया है।

 

पिछले हफ्ते मैगी नूडल्स के 13 सैंपल्स जांच के लिए कलेक्ट किए गए थे। इन सभी नमूनों को जांच के लिए लैब में भेजा गया था, जहां पता चला कि मैगी नूडल्स में टेस्ट लाने के लिए बनाए जाने वाले मसाले में लेड की मात्रा तय सीमा 2.5 पीपीएम से अधिक थी। जांच में 13 में से 10 सैंपल्स इस लिहाज से बेहद असुरक्षित पाए गए। इतना ही नहीं, मैगी के साथ आने वाले मसाले के 5 सैंपल्स में मोनोसोडियम ग्लूटामेट भी पाया गया, जबकि लेबल पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। इस लिहाज से यह मिसब्रैंडिंग की कैटिगरी में भी आता है, जो कि एक अपराध है

 

दिल्ली सरकार ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करने का फैसला किया है। इसके तहत कंपनी के खिलाफ लोगों के स्वास्थ्य के लिहाज से असुरक्षित प्रोडक्ट बेचने के आरोप में न केवल केस दर्ज किया जाएगा, बल्कि मिसब्रैंडिंग के आरोप में कंपनी पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा। दिल्ली सरकार जल्द ही इस मामले में मैगी नूडल्स बनाने वाली कंपनी नेस्ले के अधिकारियों को समन भी भेजने वाली है। टेस्ट और एनालिसिस की विस्तृत और फाइनल रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। सरकार ने तय किया है कि फाइनल रिपोर्ट के आधार पर वह इस मामले में और भी सख्त एक्शन लेगी।

 

 

इधर तमिलनाडु के एक टैक्सी ड्राइवर अनंत ने शिकायत की है कि नेस्ले कंपनी के नैन प्रो 3 मिल्क पाउडर के पैक में उन्हें लार्वा (कीड़े) मिले हैं। इसके बाद उन्होंने राज्य के फूड सेफ्टी विंग में इसकी शिकायत की। कोयंबटूर की फूड अनैलिसिस लैबरेट्री को सैंपल भेजे गए और इनमें 28 जिंदा लार्वा और 22 राइस वीवल्स (चावल में मिलने वाले कीड़े) मौजूद होने की बात साबित हुई।

 

अनंत यह बेबी मिल्क अपने 18 माह के जुड़वां बच्चों के लिए लाए थे। एक बच्चे को वह यह दूध पिला चुके थे और दूसरे को पिलाने जा रहे थे कि उन्हें लार्वा दिख गए। दूध पिलाने के दो दिन बाद बच्चे में स्किन एलर्जी शुरू हो गई, जिसके बाद उसे बाल अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।

 

हालांकि, कंपनी ने 2 मिनट नूडल्स में टेस्ट बढ़ाने वाले मोनोसोडियम ग्लूटामेट यानि एमएसजी के होने को लेकर चुप्पी साधी है।

 

मैगी पर केरल ने लगाया बैन केरल स्टेट सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन ने राज्य भर में अपने आउटलेट्स पर मैगी न बेचने का फैसला किया है। राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री अनूप जैकब ने इस बारे में निर्देश जारी किए हैं। ऐसा बैन लगाने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल सरकार ने यह फैसला उन खबरों के मद्देनजर किया है, जिनमें बताया जा रहा है कि मैगी में खतरनाक केमिकल पाए गए हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं।

 

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के सभी सिविल सर्जन को आदेश दिए हैं कि वो मैगी के सैंपल भरें और उनकी गहन जांच करके रिपोर्ट सरकार को सौंपे। विज ने बताया कि सीएमओ से कहा गया है कि वह जिलों से मैगी के सैंपल लेकर उनकी जांच करें। यदि उनमें शीशे (लेड) की मात्रा अधिक पाई गई तो नैस्ले के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उसके बाकी प्रॉडक्ट्स की भी जांच की जाएगी। शीशा एक हद तक शरीर के लिए सही है पर यदि उसकी मात्रा अधिक हो तो ये बहुत हानिकारक साबित होता है।

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