Saturday, April 27, 2024
spot_img
Homeखबरें - दुनिया भर कीमोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-मालदीव के रिश्तों में तल्खी

मोहम्मद मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-मालदीव के रिश्तों में तल्खी

सोशल मीडिया पर #BoycottMaldives ट्रेंड कर रहा है 

इन दिनों सोशल मीडिया के अधिकांश यूजर मालदीव का बहिष्कार करने की बात कर रहे हैं। लगातार दो दिनों तक लक्षद्वीप गूगल पर सबसे अधिक सर्च किया गया कीवर्ड बना रहा। ऐसे में अब बायकॉट मालदीव ट्रेंड होने के मायने क्या हैं? कभी पर्यटकों का पसंदीदा गंतव्य रहा मालदीव भारत के लोगों की ड्रीम डेस्टिनेशन लिस्ट से गायब हो रहा है। यूजर्स वीडियो और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए शेयर कर रहे हैं कि उन्होंने अपनी मालदीव यात्रा कैंसिल करने के बाद लक्षद्वीप और दूसरी जगहों का प्लान बना रहे हैं। ऐसे में मालदीव के पर्यटन उद्योग को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है।

पर्यटन उद्योग मालदीव के लिए कितना अहम है इसका अंदाजा इससे होता है कि 2021 में मालदीव को लगभग 3.49 बिलियन अमेरिकी डॉलर का राजस्व पर्यटन से मिला। देश की जीडीपी का लगभग 56 प्रतिशत टूरिज्म से आता है। देश के अलावा पूरे दक्षिण एशिया में भी मालदीव का पर्यटन अग्रणी है। दक्षिण एशिया के कुल अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का लगभग 24 प्रतिशत अकेले मालदीव में आता है।

दरअसल, मालदीव के पर्यटन उद्योग में भारतीयों का बड़ा योगदान है। साल में दो लाख से ज्यादा पर्यटक मालदीव जाते हैं। उच्चायोग के मुताबिक 2022 में लगभग 2.41 लाख भारतीय मालदीव गए। 2023 में भी दो लाख लोग मालदीव गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में लक्षद्वीप दौरे पर गए जिसके बाद बायकॉट मालदीव ट्रेंड होने लगा। इसके बैकग्राउंड में युवा मामलों की उप मंत्री मरियम शिउना ने अपमानजनक टिप्पणी की थी। पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने इसकी निंदा की थी। इसी बीच वर्तमान सरकार ने कहा है कि मंत्री शिउना का बयान सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करती। सरकार ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाहट नहीं दिखाएगी।

गौरतलब है कि मालदीव की मंत्री शिउना ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप प्रवास की तस्वीरों और वीडियो पर आपत्तिजनक और अपमानित करने वाल टिप्पणी की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिउना के सहयोगी मालशा शरीफ ने भी पर्यटन अभियान के खिलाफ ऐसी अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। इनके खिलाफ सोशल मीडिया पर भारतीयों के बीच काफी आक्रोश देखा गया। प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप के नैसर्गिक सौंदर्य और पर्यटन के क्षेत्र में क्षमता का जिक्र किया था। सोशल मीडिया यूजर्स कमेंट करने लगे कि अब लोगों को अपनी छुट्टी मालदीव की बजाय लक्षद्वीप में मनानी चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के मुताबिक मालदीव अरबों के कर्ज में डूबा है। चीन का लगभग 1.3 बिलियन डॉलर बकाया है। मालदीव का सबसे बड़ा बाहरी ऋणदाता चीन ही है। देश के कुल सार्वजनिक ऋण में लगभग 20 प्रतिशत चीनी योगदान है। ऐसे में अरबों के कर्ज में डूबे मालदीव को कई यूजर्स ने भारत के साथ न टकराने की नसीहत भी दी।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार