Saturday, April 27, 2024
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Homeचुनावी चौपालमामा, महाराज, मुन्ना भैया ने ‘चंबल’ में बनाया माहौल..

मामा, महाराज, मुन्ना भैया ने ‘चंबल’ में बनाया माहौल..

कांग्रेस के मुकाबले मैदानी क्षेत्र में चुनाव प्रचार की बढ़त लेते हुए भाजपा ने कांग्रेस कमलनाथ का माखौल उड़ाते हुए माहौल बनाने की कवायद तेज कर दी है। भाजपा इसके लिए संगठन के निचले स्तर तक कार्यकर्ताओं को एकजुटता के साथ चुनाव में झोंक चुकी है ..तो अब सरकार में रहते सरकारी कार्यक्रमों में क्षेत्र विशेष के लिए सौगात देने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है।

कोरोना काल में वल्लभ भवन तक सीमित होकर रह गए मुख्यमंत्री शिवराज ने इस्तीफा देने वाले विधायकों और मंत्रियों को भरोसे में लेकर उनके क्षेत्र में विकास का जो खाका तैयार किया था ।

वह अब सौगात के साथ उपचुनाव वाले क्षेत्रों में विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है.. विकास योजनाओं का शिलान्यास भूमि पूजन कार्यक्रम में शिवराज के साथ नरेंद्र सिंह और ज्योतिरादित्य भी शामिल हो रहे हैं । कांग्रेस को भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ मतदान केंद्र पर जिस गुटबाजी की तलाश उसे पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया ..इसे संयोग कहें या सोची समझी रणनीति या फिर वक्त का तकाजा जो शिवराज को लेने के लिए नरेंद्र तोमर और ज्योतिरादित्य दिल्ली से एक साथ भोपाल आते और फिर तीनों उपचुनाव वाले क्षेत्र में विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा देते हैं ..राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के दूसरे दिन भोपाल में मौजूद होने के बावजूद भोपाल आकर तोमर और सिंधिया नहीं मिले.. भाजपा द्वारा संदेश दिया गया कि उनके छोटे बड़े सभी नेता अपने अपने काम पर लग चुके हैं ..विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमि पूजन के दौरान शिवराज, ज्योतिरादित्य नरेंद्र सिंह में अपने अपने अंदाज में मतदाताओं की नजर में कमलनाथ को क्षेत्र की अनदेखी के लिए जिम्मेदार बता डाला.. मामा शिवराज तो अपने पुराने अंदाज में कुछ ज्यादा ही आक्रमक नजर आए जिन्होंने व्यक्तिगत तौर पर कमलनाथ को मानो पानी पी पीकर न सिर्फ कोसा बल्कि उनकी डेढ़ साल की सरकार की धज्जियां उड़ाने के साथ ग्वालियर चंबल की अनदेखी को साबित किया।

कॉन्ग्रेस अपने जिस नेता कमलनाथ के नेतृत्व में उपचुनाव जीतकर सत्ता में वापसी की राह तलाश रही .. जो अभी ज्यादातर समय अपने निवास कार्यालय में बुलाई गई बैठक को तक गुजार रहे या फिर इन दिनों दिल्ली दौरे पर हैं.. भाजपा ने उन्हीं कमलनाथ की घेराबंदी तेज कर दी .. वह भी चर्चित गद्दार, धोखेबाज जैसे आरोपों पर पलटवार के साथ.. शिवराज सिंह चौहान ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर चंबल क्षेत्र की सभाओं में कमलनाथ उनकी सरकार को गद्दार और धोखेबाज करार दिया ..कार्यक्रम में शिवराज सरकार द्वारा विकास की सौगात देकर कमलनाथ को क्षेत्र की उपेक्षा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.. इसके लिए शिवराज सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों को बंद कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने आईफा अवार्ड जैसे कार्यक्रमों की प्राथमिकता के लिए कमलनाथ को जमकर कोसा.. तो क्षेत्र के विकास के में अहम भूमिका निभाने वाले चंबल एक्सप्रेस वे से लेकर सैनिक स्कूल और सिंचाई योजनाओं को ठंडे बस्ते में डाल दिए जाने की यादें ताजा करवाई जा रही है ..डेढ़ साल की कमलनाथ सरकार में जन हितैषी योजनाओं को बंद कर दिए जाने की तुलना शिवराज सरकार द्वारा 5 माह में खोल दिए गए खजाने से की जा रही.. मुरैना के दिमनी, अंबाह और भिंड के मेहगांव में विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि पूजन सर भाजपा नेताओं ने यह साबित करने की कोशिश की क्षेत्र का भला और विकास शिवराज सरकार के दम पर ही संभव है।

ज्योतिरादित्य ने मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ के वल्लभ भवन तक सीमित हो जाने और आईफा अवार्ड में विशेष दिलचस्पी को लेकर न सिर्फ सवाल खड़े किए बल्कि ग्वालियर चंबल की अनदेखी का जिम्मेदार तेरा डाला.. सिंधिया ने जनसेवक शिवराज को पुनः बल्लभ भवन में स्थापित किए जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया .. तो इन उपचुनावों को अन्याय अत्याचार के खिलाफ लड़ाई से जोड़कर मध्य प्रदेश के भविष्य से जोड़ दिया.. उन्होंने कमलनाथ सरकार के तख्तापलट को यह कहकर सही ठहराया कि जब उनका अपना मंत्री अवैध उत्खनन नहीं रोक पाने पर खुद को असहाय बता रहा तो इस कमलनाथ सरकार का औचित्य क्या रह जाता.. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में बड़ी बारीकी और सफाई से क्षेत्र के विकास को जरूरी तो उसे अवरुद्ध करने के लिए कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया .. इन नेताओं ने क्षेत्र के विकास और जनता के स्वाभिमान और सम्मान से उपचुनाव को अपनी ओर से जोड़ दिया.. मामा महाराज और मुन्ना भैया की केमिस्ट्री इस दौरे के दौरान ज्यादा मजबूत नजर आई।

कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ से नेता गदगद नजर आए ..सवाल खड़ा होना लाजमी उप चुनाव की तारीख के ऐलान से पहले शिवराज नरेंद्र सिंधिया द्वारा जो माहौल बनाया जा रहा है.. क्या वह कॉन्ग्रेस और कमलनाथ की परेशानी में इजाफा करेंगे.. भाजपा की सोची समझी रणनीति से क्या उपचुनाव के प्रचार में कमलनाथ के मुकाबले शिवराज को स्थापित किया जाएगा.. इन सरकारी सौगात से जुड़े कार्यक्रमों में नरेंद्र सिंह और सिंह ज्योतिरादित्य ने शिवराज के चेहरे को सामने रखकर चुनाव में उम्मीदवार से फोकस हटाने की रणनीति को आगे जरूर बढ़ाया है.. भाजपा के यह तीनों नेता मंच से एक दूसरे की पीठ थपथपा रहे तो बेहतर समन्वय और तालमेल बन जाने का संदेश भी अपने समर्थकों को दे रहे.. शिवराज और सिंधिया अपने पुराने आक्रमक अंदाज में तो नरेंद्र सिंह तोमर की सहजता के साथ चुनाव में संजीदगी और करने लायक है.. सरकारी दौरे के दौरान शिवराज के साथ ज्योतिरादित्य, नरेंद्र सिंह शुक्रवार को पोहरी, डबरा और ग्वालियर में भी एक साथ सभाएं करेंगे।

साभार https://www.nayaindia.com/ से

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