Friday, September 20, 2024
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Homeचुनावी चौपालसुरेश प्रभु की दूरदृष्टि भी कारगर रही असम में कमल खिलाने में

सुरेश प्रभु की दूरदृष्टि भी कारगर रही असम में कमल खिलाने में

असम में कमल खिलने से बीजेपी में खुशी की लहर है. पूर्वोत्तर में असम की जीत कई मायनों में अहम है और इस जीत के योगदान को लेकर तमाम दावे-प्रतिदावे होते रहेंगे. लेकिन पहली बार पूर्वोत्तर में कमल खिलाने में बीजेपी के साथ भारतीय रेल का भी बड़ा योगदान रहा है.

रेल के विस्तार में सुरेश प्रभु की अहम भूमिका
रेलमंत्री सुरेश प्रभु की पहल पर अभी तक भारत में होकर भी कई तरह से उपेक्षित रहे पूर्वोत्तर के कई इलाके पहली बार रेलवे के नक्शे में शामिल हुए हैं, जिस रफ्तार से नई लाइनें बिछाने का काम जारी है, उससे आने वाले वक्त में यहां के असम, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा समेत करीब सभी राज्यों के मुख्य इलाकों में रेल की पहुंच होगी और सिलचर इसका केंद्र बनेगा. यही नहीं, इन राज्यों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. रेल मंत्रालय जल्द ही पूर्वोत्तर के दूसरे इलाकों के लिए और भी ट्रेनों की घोषणा कर सकता है.

मेघालय-त्रिपुरा में रेलवे के काम में तेजी
जिस तरह से रेलवे पूर्वोत्तर में अपना जाल बिछा रहा है, उससे आने वाले विधानसभा चुनावों में मेघालय और त्रिपुरा में भी कमल खिले तो आश्चर्य नहीं. रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ सालों से नई लाइनें बिछाने के काम में भी तेजी आई है. साल 2009-14 के बीच जहां महज 110 किलोमीटर लाइन पूर्वोत्तर में बिछाई गई थी, वहीं 2014-15 के बीच 450 किलोमीटर और 2015-16 में 545 किलोमीटर नई लाइनें बिछाई जा चुकी हैं. साल 2016-17 में आंकड़े इस लक्ष्य को भी पार कर जाएगा.

छोटे शहरों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की कवायद
रेलवे अधिकारी बताते हैं कि त्रिपुरा के अगरतला से असम के सिलचर, मणिपुर के जीडी बाम से सिलचर और मिजोरम के भैरवीं से सिलचर के बीच रेल लाइन बिछाने के साथ मालगाड़ियों और स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है. साथ ही इन सभी रेलखंडों पर पैसेंजर और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा. इसके बाद यह इलाका पूरी तरह से भारत के बाकी हिस्सों से जुड़ जाएगा. लोग आसानी से किसी भी इलाके में आवागमन कर सकेंगे.

अच्छी बात यह भी है कि रेल सेवा सामान्य रूप से शुरू होने के बाद इसका सीधा असर इन राज्यों की सामाजिक और आर्थिक दृश्य पर भी दिखेगा. पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ यहां के लोग रोजगार के लिए भी आसानी से दूसरे राज्यों में जा सकेंगे और दूसरे राज्यों के लोग भी यहां पहुंच सकेंगे. इससे पूरे देश को फायदा होगा.

साभार- http://aajtak.intoday.in/ से

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