Thursday, May 9, 2024
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जल जीवन मिशन की उपादेयता

भारत गाँवों का देश हैं। गांव में भारत की आत्मा बसती हैं। गांव मजबूत होता है तो भारत मजबूती को प्राप्त करता है ।जब ग्रामीणों की आवश्यक मूलभूत सुविधाओं की प्राप्ति होती है ,उनका जीवन गुणात्मक होता हैं। गांव में हर घर को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन मिशन (जेजेएम) का महत्व एक बार फिर रेखांकित हुआ हैं। प्रत्येक ग्रामीण परिवार को स्वच्छ पेयजल प्राप्त होने से जल जनित बीमारी से प्रत्येक साल चार लाख लोग काल के गाल हो जाते हैं ।जल जीवन मिशन की उपादेयता इसमें है की यह ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल देकर जल जनित बीमारी ‘ डायरिया’ पर काफी सीमा तक नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं ,इसके अतिरिक्त गांव में शिशु मृत्यु दर पर भी नियंत्रण स्थापित किया जा सकता है ।सभी लोगों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचता है तो लगभग $101अरब की बचत होगी, क्योंकि डायरिया जैसी बीमारियों पर कम खर्च करना होगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ,अब तक 62% ग्रामीण घरों में नल से जल की आपूर्ति को पहुंचाया गया हैं।

प्रत्येक घर में नल से जल आपूर्ति महिलाओं के लिए वरदान है, क्योंकि इससे पानी लाने व पानी की व्यवस्था करने में शारीरिक श्रम कम करना पड़ता हैं। उसमें प्रतिदिन 6.66 करोड़ घंटों की बचत होगी। ग्रामीण जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों में शुद्ध पानी की व्यवस्था उपलब्ध होने से महिलाएं एवं किशोरी बालिकाओं को सबसे अधिक लाभ प्राप्त होता हैं, उनको पानी लाने के लिए मीलों पैदल नहीं जाना पड़ेगा, महिलाओं के जीवन को सरल, सुगम एवं गुणवत्तापूर्ण बनाने में जल जीवन की उपादेयता स्वागत योग्य हैं। इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में पाइप जलापूर्ति (प्रत्येक घर चल उपलब्ध कराना) इसकी प्राथमिकता हैं।

देशभर के सभी भागों में सुरक्षित शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है, इसके तहत कृषि क्षेत्र में पुनः उपयोग के लिए वर्षा जल संचयन, भू – जल संभरण और घरेलू अपशिष्ट जल के प्रबंधन हेतु स्थानीय बुनियादी ढांचे के निर्माण पर अधिक जोर देना है। आंकड़ों के अनुसार ,भारत में विश्व की 17% आबादी का हिस्सा मौजूद है, जबकि जल में पीने योग्य जल का मात्र 4% भाग उपलब्ध हैं। सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करना है तो यह भारत के बलबूते ही संभव होगा। आबादी में भारत दुनिया में सबसे अव्वल है, इसलिए भारत के प्रत्येक कार्य का प्रभाव संसार भर के देशों पर पड़ेगा। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारत विकासशील देशों का नेतृत्व कर रहा है, जी-20 की अध्यक्षता कर रहा हैं।

(लेखक ,दूरदर्शन समाचार में परामर्श संपादक हैं)

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