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प्रेमचंद जैन शिक्षा और ज्ञान के समंदर थे
नजीबाबाद (उत्तर प्रदेश) के साहू जैन डिग्री कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर डॉ. प्रेमचंद्र जैन की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर 16 मार्च, 2022 को उनके विद्यार्थियों द्वारा आयोजित ‘प्रेमचंद्र जैन स्मरण’ कार्यक्रम की अध्यक्षयता करते हुए ‘चिंगारी’ के संपादक डॉ. सूर्यमणि रघुवंशी ने कहा कि डॉ. प्रेमचंद्र जैन एक व्यक्ति नहीं थे, बल्कि वे व्यक्तित्व थे, परंपरा थे।
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*रूट्स टू हिन्दी” “काव्यांजलि” की होली के रंगों में लिपटी हुई रंगारंग गोष्ठी
नेहा जैन जी ने होली पर दो प्यारी - प्यारी कविताएं सुनाई। एक कविता होली पर थी जो सभी को अच्छी लगी और दूसरी कविता "भाभी संग खेली गई होली" लोगों ने खूब सराहा।
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हरियाणा साहित्य अकादमी पंचकूला द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकारों का अभिनंदन समारोह
उनके स्वर्ण जयंती वर्ष में हरियाणा प्रदेश की 23 वरिष्ठ साहित्यकार महिलाओं को महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में आमंत्रित करके प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित किया। बाद में भी सिरसा, कैथल, रोहतक, करनाल व चरखी दादरी, जीन्द के साहित्यिक मंच पर वहां के साहित्यकारों को इंद्रा स्वप्न स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
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हिन्दी गौरव अलंकरण समारोह सम्पन्न
इस मौके पर हिंदी की सेवा करने वाले मुकेश तिवारी, परवीन निखर, आशा प्रेम माथुर, श्रीमननारायणचारी विराट, चंचल सोनी हिंदी योद्धा सम्मान से सम्मानित किए गए। कार्यक्रम का संचालन अंशुल व्यास ने किया व आभार माना अमित जैन मौलिक ने माना।
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भाषा और बोलियों के संकट पर एक विमर्श
विशिष्ट वक्ता, डॉ. वत्सला ने कहा कि सभी को अपनी मातृभाषा को सम्मान देना चाहिए और अन्य भारतीय भाषाओं को भी सीखने की कोशिश करनी चाहिए। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए भाषा एवं साहित्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष, बरेन सरकार ने सभी से अपनी मातृभाषा में हस्ताक्षर करने की अपील की।
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श्री अष्ठाना व श्रीमती अग्निहोत्री को हिन्दी गौरव अलंकरण
ज्ञात हो कि संस्थान द्वारा वर्ष 2020 से आरम्भ हिन्दी गौरव अलंकरण में प्रतिवर्ष एक हिन्दी सेवी पत्रकारिता के क्षेत्र से व एक हिन्दी सेवी साहित्य लेखन क्षेत्र से चयनित किए जाते है। पूर्व में वर्ष 2020 में
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एक शहर-ग्यारह घर अभियान का शंखनाद, मातृभाषा के प्रयासों से जुड़ेंगे एक लाख से अधिक हिन्दी प्रेमी*
'एक शहर-ग्यारह घर' अभियान का उद्देश्य भारत के प्रत्येक ग्राम, नगर में इस अभियान के अन्तर्गत ग्यारह परिवारों को मातृभाषा उन्नयन संस्थान से जोड़ा जाएगा। वे ग्यारह परिवार उस नगर में मिलकर हिन्दी भाषा का प्रचार करेंगे,
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‘सरस्वती’ पत्रिका के संपादन मंडल में बड़े बदलाव
सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन संस्थापक बाबू चिंतामणि घोष ने जनवरी 1900 में आरंभ कराया। इसके संपादक मंडल में श्याम सुंदर दास, किशोरीलाल गोस्वामी, बाबू कार्तिक प्रसाद खत्री, जगन्नाथदास रत्नाकर, बाबू राधाकृष्ण दास थे। पत्रिका का संपादन 1901 में श्यामसुंदर दास को मिला। इन्होंने बिना पारिश्रमिक लिए काम किया।
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कवितागोई ‘काव्यार्पण का आयोजन सम्पन्न
हिन्दी वाचिक परम्परा के प्रतिनिधि के रूप में डॉ.मनोज़ कामदेव, दिल्ली, सुषमा व्यास राजनिधि, इन्दौर, कल्पेश वाघ, खाचरोद(उज्जैन), चंद्रमणि मणिका, दिल्ली, अक्षत व्यास,
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साहित्य का प्रदेय – साहित्य परिषद् का अगला त्रेवार्षिक सोपान
परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषिकुमार मिश्र ने प्रतिवेदन में कहा कि साहित्य परिषद भारत भक्ति के भाव का जागरण करते हुए आत्मचेतस भारत के निर्माण द्वारा साहित्य रचना और आलोचना के क्षेत्र में वैचारिक स्वराज्य की स्थापना के लिए प्रयत्नशील है।