Saturday, April 27, 2024
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जैसा नाम वैसा कामः नाम त्यागराजन- 6210 करोड़ कर्मचारियों के लिए दान कर दिए !

राममूर्ति त्यागराजन ने श्रीराम ग्रुप की शुरुआत चिट फंड बिजनेस से शुरू की थी। आर त्यागराजन ने कंपनी में अपनी 6210 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी कर्मचारियों के समूह को दे दी। श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड का बाजार मूल्य लगभग 865 अरब रुपये है।

भारत में अरबपति कारोबारियों की कमी नहीं है। हर उद्योगपति ने अपनी मेहनत से अलग पहचान और मकाम बनाया है। लेकिन, इनमें से कुछ शख्सियतें ऐसी हैं जो अपनी सादगी और जीने के अंदाज से लोगों के लिए प्रेरणा बने हैं। हम आपको देश के एक ऐसे नामचीन अरबपति बिजनेसमैन के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके पास अथाह दौलत है लेकिन घमंड एक पैसे का नहीं है। हम बात कर रहे हैं श्रीराम गुप के संस्थापक राममूर्ति त्यागराजन की। देश के ज्यादातर लोग इस नाम से वाकिफ नहीं होंगे। इसकी एक वजह है कि आर त्यागराजन कॉरपोरेट वर्ल्ड की चकाचौंध से दूर रहते हैं।

आर त्यागराजन, भारत की बैंकिंग और इंश्योरेंस इंडस्ट्री में एक बड़ा नाम है। वे श्रीराम ग्रुप के को-फाउंडर हैं। 1974 में आर त्यागराजन ने एवीएस राजा और टी। जयारमन के साथ इस कंपनी की नींव रखी। आज की तारीख में श्री राम ग्रुप बैंक और इंश्योरेंस उद्योग में एक बड़ा नाम बन गया है। खास बात है कि राममूर्ति त्यागराजन के पास बेशुमार संपत्ति है फिर भी वे बेहद उदार व्यक्ति हैं।

राममूर्ति त्यागराजन ने श्रीराम ग्रुप की शुरुआत चिट फंड बिजनेस से शुरू की थी, लेकिन बाद में यह लोन देने वाली दिग्गज कंपनी बन गई। राममूर्ति त्यागराजन ने कम आय वाले लोगों को लोन देकर 87000 करोड़ रुपये का विशाल बिजनेस साम्राज्य खड़ा कर लिया। हैरानी की बात है कि इतना पैसा होने के बावजूद आर त्यागराजन बेहद संयमित जीवन जीते हैं। राममूर्ति त्यागराजन ने अपना अधिकांश पैसा दान कर दिया है। करोड़ों-अरबों के मालिक होने के बावजूद वे 6 लाख रुपये की कार से चलते हैं।

ब्लूमबर्ग से इंटरव्यू में आर त्यागराजन ने बताया था किया कि उन्होंने श्रीराम ग्रुप की शुरुआत यह साबित करने के लिए की, कि बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों को पैसा उधार देना जोखिम भरा नहीं है। दरअसल लोन देने से पहले बैंक या अन्य वित्तीय संस्था ग्राहकों की क्रेडिट हिस्ट्री यानी पूर्व में लिए गए लोन को चुकाने की क्षमता का आकलन करती है। ऐसे में छोटे शहरों व गांवों में रहने वाले लोग अक्सर लोन लेने से वंचित हो जाते थे। लेकिन, श्रीराम ग्रुप ने इस मिथक को तोड़ा।

तमिलनाडु के किसान परिवार में जन्मे आर त्यागराजन ने ग्रेजुएशन के बाद 1961 में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी ज्वाइन कर ली। वह करीब 20 वर्षों तक कई वित्त कंपनियों में काम करते रहे। फिर उन्होंने 37 साल की उम्र में अपने बिजनेस वेंचर की शुरुआत की। अब श्रीराम ग्रुप के पास 30 कंपनियां हैं। मौजूदा समय में आर त्यागराजन का श्रीराम ग्रुप 1,00,000 लोगों को रोजगार देता है। उनकी कंपनी ट्रक, ट्रैक्टर और अन्य वाहनों पर लोन देती है।

आर त्यागराजन ने कंपनी में अपनी 6210 करोड़ रुपये से ज्यादा की हिस्सेदारी कर्मचारियों के एक समूह को दे दी। उन्होंने सारा पैसा श्रीराम ओनरशिप ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया। त्यागराजन एक सामान्य कार चलाते हैं और उनके पास मोबाइल नहीं है क्योंकि उनका मानना है कि इससे ध्यान भटकता है। वे अब भी एक छोटे से घर में रहते हैं। डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार श्रीराम ग्रुप के पास 2 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता है। इस समूह की प्रमुख कंपनी श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड का बाजार मूल्य लगभग 865 अरब रुपए है।

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