Tuesday, May 7, 2024
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’’यह मेरे लिए दूसरा झटका था’’: स्वामी सानंद

जैसा कि मैने पहले तय किया था, पत्र मिलने के बाद मैने आगे का अनशन दिल्ली में जारी रखने की निश्चय दोहराया।

’उन्हे मुझसे सहानुभूति है, लेकिन गंगाजी से नहीं’’: स्वामी सानंद

मां गंगा के संबंध मंे अपनी मांगों को लेकर स्वामी ज्ञानस्वरूप सांनद द्वारा किए कठिन अनशन को करीब सवा दो वर्ष हो चुके हैं और ’नमामि गंगे’ की घोषणा हुए करीब डेढ़ बरस, किंतु मांगों को अभी भी पूर्ति का इंतजार है।

स्वामी सानंद गंगा संकल्प संवाद श्रृंखला: एक परिचय

प्रो जी डी अग्रवाल जी से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी का नामकरण हासिल गंगापुत्र की एक पहचान आई आई टी, कानपुर के सेवानिवृत प्रोफेसर, राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के पूर्व सलाहकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रथम सचिव, चित्रकूट स्थित ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अध्यापन और पानी-पर्यावरण इंजीनियरिेग के नामी सलाहकार के रूप में है, तो दूसरी पहचान गंगा के लिए अपने प्राणों को दांव पर लगा देने वाले सन्यासी की है।

स्वामी व्यासानंद ने कहा सत्संग को मंगलमय जीवन का मूल आधार 

स्थानीय नयापली सत्संग भवन में पहली जनवरी को हरिद्वार से पधारे स्वामी व्यासानंद ने मंगलमय जीवन के लिए सत्संग को मूल आधार बताया। उन्होंने...

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंदजी की कुर्बानी क्या गंगाजी को पावन कर सकेगी

स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणप्रेमी रहे उनका मूल नाम जी. डी. अग्रवाल था।

गंगा माँ का असली बेटा : स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद

गंगापुत्र स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने माँ गंगा के लिये अपने प्राणों की बाजी लगा दी है। गंगा के विभिन्न मुद्दों पर अरुण तिवारी द्वारा स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद से हुई बातचीत पर आधारित एक शृंखला प्रस्तुत कर रहे हैं

गंगा के लिए अनशन कर रहे स्वामी शिवानंद का अनशन समाप्त

उत्तराखंड में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर निर्माणाधीन व प्रस्तावित सभी जलविद्युत परियोजनाएं निरस्त हों। हरिद्वार में गंगा और सहायक नदियों में खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगे।

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि ः जिन्होंने सामाजिक चेतना को धर्म से जोड़ा

स्वामीजी के जीवन की यों तो अनेक उपलब्धियां हैं लेकिन उन्होंने धार्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय-चेतना के समन्वित दर्शन एवं भारत की विभिन्नता में भी एकता की प्रतीति के लिए पतित-पावनी-भगवती-भागीरथी गंगा के तट पर बहुमंजिलें

अविवाहित सानंद की पारिवारिक दृष्टि

प्रो जी डी अग्रवाल जी से स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद जी का नामकरण हासिल गंगापुत्र की एक पहचान आई आई टी, कानपुर के सेवानिवृत प्रोफेसर, राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय के पूर्व सलाहकार, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रथम सचिव, चित्रकूट स्थित ग्रामोदय विश्वविद्यालय में अध्यापन और पानी-पर्यावरण इंजीनियरिंग के नामी सलाहकार के रूप में है, तो दूसरी पहचान गंगा के लिए अपने प्राणों को दांव पर लगा देने वाले सन्यासी की है।

गंगा तप की राह चला सन्यासी सानंद

जनवरी-फरवरी में प्रयाग में गंगा प्रवाह 530 घन मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि माघ मेले में प्राकृतिक प्रवाह का आधा हो; यह 265 घन मीटर प्रति सेकेण्ड हुआ। हमने नवंबर तक 250 घन मीटर प्रति सेकेण्ड के प्रवाह की मांग की। हमने कहा कि यह निरंतर हो। निगरानी के लिए माॅनिटरिंग कमेटी हो; ताकि नापा जा सके।
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