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अच्युत सामंत - search results
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ओडिशा के लौहपुरुषः स्वर्गीय बीजू पटनायक
वे एक संवेदनशील तथा स्पष्टवादी राजनेता थे। उनका निधन 17अप्रैल,1997 को हो गया। कलिंग भूमि को विकासशील से विकसित बनाने में उनके योगदानों को ओडिशा कभी भी भूल नहीं सकता।
भारत में बेस्ट यूनिवर्सिटी घोषित किया गया
गौरतलब है कि अपनी स्थापना के आरंभ से ही कीट शिक्षा,स्वास्थ्य,समाजसेवा,आदिवासी सशक्तिकरण,महिला सशक्तिकरण तथा खेल प्रोत्साहन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है जिनके बदौलत कीट को अनेक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड तथा सम्मान समय-समय पर मिले हैं।
ओड़िशा की धरती पर जन्मा एक देवदूत
उनके दिव्य सद्गुरु संत बाबा रामनारायण दास जी महाराज हैं। वे अबतक कुल लगभग 25 हिन्दू देवालयों का निर्माण अपनी ओर से कर चुके हैं तथा सैकड़ों देवालयों के निर्माण
डॉ. वरुण सुथारा अंतर्राष्ट्रीय संगठन ‘डेमोकरेसी विदाउट बॉर्डर’ के सचिव बने
इस अनुभव ने उन्हें भारत में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के निष्पादन में आने वाली कमियों पर बेहतर समझ विकसित करने में बहुत मदद की। साथ ही, उन्हें जम्मू विश्वविद्यालय द्वारा लगातार तीन बार हिंदी में सर्वश्रेष्ठ लघु कथाकार का पुरस्कार दिया गया।
जंगल से मिलेंगे देश को नए ‘चैंपियन’
टुडू के रग्बी टीम में एक लड़की अपने बच्चे की अकेले परवरिश करने वाली मां है और दो अन्य लड़कियां घरों में नौकरानी का काम करती हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों से आने के बावजूद टुडू की इस टीम ने
भुबनेश्वर में हुआ अप्रतिम भारत ग्रंथ का लोकार्पण
मुंबई के श्री भागवत परिवार द्वारा प्रकाशित अप्रतिम भारत ग्रंथ का लोकार्पण एक शानदार समारोह में भुबनेश्वर में ओड़िशा के माननीय राज्यपाल प्रो. गणेशीलाल ने किया। इस समारोह का आयोजन कादंबिनी मीडिया द्वारा किया गया था।
राष्ट्र और संस्थाओं का निर्माण एक दिन में नहीं होताः श्री अश्वनी लोहानी
मुंबई के श्री भागवत परिवार द्वारा प्रकाशित और प्रभात प्रकाशन दिल्ली द्वारा मुद्रित अप्रतिम भारत ग्रंथ का विमोचन रेल्वे बोर्ड के माननीय अध्यक्ष श्री अश्वनी लोहानी की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। श्री लोहानी ने अपने प्रेरक और विचारोत्तेजक वक्तव्य में श्री भागवत परिवार द्वारा प्रकाशित ग्रंथ में समाहित लेखों की सराहना करते हुए कहा कि इस ग्रंथ मे भारतीय जीवन दर्शन और संस्कृ
वारिसों की नाफरमानी के बाद भी जेपी की वैचारिकी खारिज नही हुई है
भारत में जेपी को आज एक महान विचारक और सत्ता से सिद्धांतो के लिये जूझने वाले योद्धा की तरह याद किया जाएगा इस त्रासदी के साथ कि उनके अनुयायियों ने उनके विचारों के साथ व्यभिचार की सीमा तक अन्याय किया।
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