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ये लोग सभ्य समाज में रहने लायक नहीं
इसलिए मुझे फेसबुक और सोशल मीडिया पर ये देखकर अफ़सोस होता है कि दूसरे धर्मों के बुद्धिजीवी और समझदार लोग लगे पड़े हुवे हैं कहानी सुनाने में और समझाने में कि आपका मज़हब ये है,
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इसलिए मुझे फेसबुक और सोशल मीडिया पर ये देखकर अफ़सोस होता है कि दूसरे धर्मों के बुद्धिजीवी और समझदार लोग लगे पड़े हुवे हैं कहानी सुनाने में और समझाने में कि आपका मज़हब ये है,