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पाकिस्तान की जेलों में गूँजती भारतीय सैनिकों की चीखें देश की नकारा सरकारों का सबूत है
सितंबर 1971 में इमर्जेंसी घोषित हुई। नतीजतन पाकिस्तान ने अपने सभी बॉर्डर सील कर लिए। उसी समय मेजर कंवलजीत को हुसैनीवाला बॉर्डर पर बुला लिया गया। शादी के बाद कभी भी 6 महीने भी एक साथ नहीं रह सके।
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इस परिवार के लिए फरिश्ता बन गई डीसीपी असलम खान
नई दिल्ली । भारत-पाक बॉर्डर पर बसे एक गांव से आखिर दिल्ली पुलिस की डीसीपी असलम खान का क्या रिश्ता है जो वह हर महीने सैलरी का एक हिस्सा उस गांव के एक परिवार को भेजती हैं। वह हर रोज वॉट्सऐप ग्रुप पर गांव से खबर लेती हैं। हर तीसरे दिन फोन कर हाल जानती हैं। इस आई