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क्षमा में शक्ति का वास, इसीलिए मिच्छामि दुक्कड़म!
चेन्नई के श्रावक एवं विख्यात समाजसेवी पारस जैन जावाल बताते हैं कि चातुर्मास के दौरान चेन्नई में कोई पंद्रह साल पहले चंद्रानन सागर महाराज ने क्षमापना पर हिंदी व अंग्रेजी में एक छोटी सी पुस्तक का लेखन किया था।