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नीम के दम पर हो रहा करोड़ों का कारोबार
कुछ समय से हमारे देश में भी नीम उत्पादों की ओर कई बड़ी कंपनियों का ध्यान गया है। फर्टिलाइजर और केमिकल कारोबारी कंपनी गुजरात नर्मदा वैली फर्टिलाइजर्स (जीएनएफसी) नीम आधारित प्रोडक्ट्स के कारोबार भी करने लगी है।
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400 कंपनियों के मालिक ब्रिटेन के इस उद्योगपति को पता चला कि उसके पूर्वज तो भारतीय थे!
जिंदगी में पैसा ही सब कुछ नहीं, व्यक्ति की निजी दिलचस्पियां भी कितने बड़े मायने रखती हैं, यह हुनर तो कोई ब्रिटेन में भारतीय मूल के अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन से सीखे। वही रिचर्ड, जिनकी कंपनी वर्जिन अटलांटिक का पुणे-मुंबई रूट पर हाइपरलूप नेटवर्क खड़ा करने का महाराष्ट्र सरकार से करार है।
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चार हजार बच्चों को सिखा रहे हैं शास्त्रीय संगीत
इसके अलावा फाउंडेशन बच्चों के लिए शास्त्रीय संगीत के पाठ्यक्रम पर फोकस दस पुस्तकों के एक प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है। मंदार कारंजकर बताते हैं कि पिछले तीन वर्षों से वह लगातार अपने ज्ञान को आम लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
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शिक्षिका की प्रेरणा से कबाड़ से गणित के दीवाने हुए बच्चे
अभिभावकों की भी गणित के प्रति दिलचस्पी बढ़ाने के लिए तरह-तरह के ग्राफ प्रदर्शित किए गए। गणित सप्ताह में बच्चों को बैंकों में ले जाया जाता है। सामान्य गणित क्विज प्रतियोगिताएं होती हैं। प्रीति शर्मा कहती हैं,
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अमेजान, फिल्पकार्ट के खिलाफ देश के व्यापारियों ने शुरु किया अभियान
अमेजन ने भारत में पांच अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया हुआ है, जो विदेश में की सबसे बड़ी सब्सिडयरी है।
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अपने इलाके के सैकड़ो फटेहाल बच्चों को मुफ़्त में पढ़ाते हैं मनोज कुमार
मनोज कुमार का गांव ऊगापुर केंद्रीय कौशल विकास मंत्री डॉ. महेन्द्रनाथ पांडे के चंदौली लोकसभा क्षेत्र में है।
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अपने बच्चों को सरिता तिर्की की कहानी पढ़ाईये
मजदूरी के पैसे मिले तो राशन खरीद लाईं और कई दिनो तक भरपेट भोजन किया। काम करती रहीं और उसी काम के पैसो से रांची यूनिवर्सिटी में एमए का फॉर्म भर दिया।
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कवियोंं ने कविता को फूहड़ मजाक बना दिया है
कविता आम लोगों से निकलकर सभागारों तक सिमट गयी है। एक मजाक बन गयी है। जरूरत है इसे संवारने की,जो अब बहुत ही मुश्किल लगता है। चाहे जिस गांव, शहर में जाइए, ढेरो ऐसे मन मूढ़ मुंडी हिलाते मिल जाएंगे- वाह-वाह, क्या कहने, क्या खूब लिखा आपने, गजब कर दिया, ऐसा तो ग़ालिब-मीर, रसखान भी कहां लिख पाते। तुलसी दास और कालिदास तो बस ऐसे ही। इसलिए छुट