-
कौन याद करे, बाबा नागार्जुन को
आज 30 जून को आन्दोलनधर्मी जन कवि बाबा नागार्जुन का 105वां जन्मदिन है।उनकी पुण्य स्मृति को कोटिशः नमन!! कबीर,धूमिल और नागार्जुन मूलतः विपक्ष के कवि हैं जो वर्चस्व वादी सत्ता के विरुद्ध प्रतिरोध की संस्कृति को समृद्ध करते हैं।
-
संस्कृति की सुरसरि :सिंहस्थ महाकुंभ
संस्कृति की सत्ता अखंड और अविच्छेद्य सत्ता है किन्तु अलग अलग दृष्टियों से देखने पर वह परस्पर भिन्न दृष्टिगोचर होती है। भारतीयों ने इस अखंड संस्कृति की साधना के लिए अनादि काल से जो यात्रा की है उसे हम भारतीय संस्कृति के नाम से अभिहित करते हैं।
-
संस्कृति की सुरसरि :सिंहस्थ महाकुंभ
स्कृति की सत्ता अखंड और अविच्छेद्य सत्ता है किन्तु अलग अलग दृष्टियों से देखने पर वह परस्पर भिन्न दृष्टिगोचर होती है। भारतीयों ने इस अखंड संस्कृति की साधना के लिए अनादि काल से जो यात्रा की है उसे हम भारतीय संस्कृति के नाम से अभिहित करते हैं।